भागलपुर से एक बड़ी सनसनीखेज घटना सामने आ रही है यहां एक महिला को उसके पति ,पति के भाई और भाभी ने मिलकर गला घोट कर मार डाला और शव को गंगा नदी में फेंक दिया, मछुआरे ने जब देखा तो शोर मचाया फिर जा कर शब की पहचान हो पाई।
ताजा मामला कहलगांव के बुद्धूचक थाना क्षेत्र के सुब्बानगर का है, जहां की रहने वाली 22 वर्षीय रीता कुमारी का उनके पति, पति के भाई और भाभी द्वारा गला दबाकर मारने की घटना सामने आ रही है, मृतिका रीता के परिजनों ने यह आरोप लगाया है साथ ही आरोप लगाते हुए उन्होंने यह भी कहा है कि मेरा दामाद आए दिन दहेज की मांग किया करता था, नहीं देने पर मेरी बेटी के साथ गाली गलौज और मारपीट भी किया करता था जबकि मैंने शादी में दो लाख रुपये दहेज भी दिया था साथ ही परिजन ने एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि हमारे दामाद सौरभ कुमार का अपने ही भाभी सीमा देवी से अवैध संबंध था जिसका विरोध हमारी बेटी आए दिन किया करती थी और इसी के चलते बदले की भावना से मेरी बेटी को सब ने मिलकर मौत के घाट उतार दिया।
गौरतलब हो कि 22 वर्षीय रीता की शादी हिंदू रीति रिवाज से 2020 में बुद्धूचक सुब्बानगर के रखने वाले जनार्दन मंडल के बेटे सौरभ कुमार मंडल से हुई थी, डेढ़ साल का बेटा भी है, आए दिन दोनों में दहेज को लेकर बकझक हुआ करती थी।
गौरतलब हो कि रीता अपने घर से 26 अप्रैल से गायब हुई थी ,27 अप्रैल को उसके मायके वाले ने पुलिस के बुद्धचक थाना में f.i.r. दर्ज कराया था लेकिन उस पर कोई छानबीन नहीं हुई तभी अचानक 30 अप्रैल को गंगा में नाव चलाने वाला मल्लाह ने शव को नदी में तैरते हुए देखकर शोर मचाना शुरू किया तब जाकर शव की पहचान रीता कुमारी के रूप में हुई, शव देखने से प्रतीत हो रहा था कि महिला को बेरहमी से पहले गला घोट कर मारा गया है फिर लाश को छिपाने के लिए उससे बालू की बोरी में बांधकर गंगा नदी में फेंका गया लेकिन जैसे ही उसका शरीर हल्का होता गया.
वह पानी से ऊपर आ गया और सभी ग्रामीणों को पता चल गया। रीता का शव उसके घर से महज 4 किलोमीटर दूरी पर नदी के किनारे मिला।
रीता कुमारी के परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है उनका कहना है हमें इंसाफ चाहिए और डेढ़ साल के बच्चे को भी हमारे पास सुपुर्द किया जाए नहीं तो इस बच्चे को भी यह लोग मार डालेंगे।
रीता के परिजनों के मुताबिक शव मिलने के बाद पति सौरव मंडल सौरभ मंडल के भाई गौरव मंडल एवं गौरव मंडल की पत्नी के अलावे एक अन्य को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है जबकि दूसरी ओर एफआईआर दर्ज 27 अप्रैल को ही कर लिया गया है।
अब सवाल यह उठता है कि क्या मृतिका रीता कुमारी के मायके वाले को इंसाफ मिल पाएगा या फिर यह फाइल ठंडे बस्ते में बंद हो जाएगा।