भागलपुर, बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में डेभलपिंग ग्रांट विनिंग प्रपोजल बिल्डिंग राइट पर्सपेक्टिव इन साइंस कम्युनिकेशन विषय पर दो दिवसीय ट्रेनिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में कृषि विश्वविद्यालय सबौर के छात्र व वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया है. यह ट्रेनिंग लेने के बाद विश्वविद्यालय का चौमुखी विकास होगा. दरअसल इस ट्रेनिंग के बाद बाहर के प्रोजेक्ट को विश्वविद्यालय लाया जाएगा. जिसके माध्यम से विदेशों से भी फंडिंग मिल पाएगी. इससे बिहार के किसानों को फायदा मिलेगा।
बाहर के किसानी सिख पाएंगे यहां के किसान
भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता है. लेकिन तकनीकी सुविधा अधिक नहीं होने के कारण यहाँ के किसान समृद्ध नहीं हो पाए हैं. उन्हें पौराणिक कृषि ही करनी पड़ती है. जिससे अधिक मुनाफा नहीं हो पाता है. लेकिन अब इस प्रशिक्षण के बाद विदेशों के प्रोजेक्ट को अपने देश मे लाया जा सकेगा और उस तकनीकी के माध्यम से कृषि चक्र में बदलाव की संभावना हो सकेगी. इससे अच्छा मुनाफा किसानों को हो पायेगा. साथ ही अपने प्रोडक्ट को विदेशों में निर्यात किया जा सकेगा.