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मुजफ्फरपुर के साहेबगंज क्षेत्र की 9 वर्षीय बच्ची के पेट से डॉक्टरों ने डेढ़ किलो बालों का गुच्छा निकालकर उसकी जान बचाई। यह मामला SKMCH (श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल) में सामने आया। बच्ची पिछले 7 साल से बाल खा रही थी, जिससे उसका पेट ब्लॉक हो गया था।


डॉक्टरों ने कहा- यह मनोरोग है
पेडियाट्रिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. आशुतोष कुमार ने बताया कि बच्ची को ट्राइकोटिलोमेनिया नामक एक मनोरोग है। इस बीमारी में मरीज बाल खाने की आदत विकसित कर लेता है। लगातार बाल खाने के कारण उसके पेट में बालों का गुच्छा बन गया था, जिससे खाना पच नहीं रहा था।

बच्ची को भूख नहीं लग रही थी, उल्टियां हो रही थीं
पिछले 15 दिनों से बच्ची खाना नहीं खा पा रही थी। उसे सिर्फ तरल पदार्थ दिए जा रहे थे। खाना खाने के बाद उसे उल्टियां हो रही थीं। परिजनों ने पहले निजी अस्पताल में इलाज कराने की कोशिश की, लेकिन वहां ऑपरेशन संभव नहीं हुआ। इसके बाद बच्ची को SKMCH लाया गया।


जटिल ऑपरेशन में डॉक्टरों की टीम ने सफलता पाई
मंगलवार को डॉक्टरों की एक टीम ने सफल ऑपरेशन किया। टीम में डॉ. नरेंद्र और एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. नरेंद्र शामिल थे। ऑपरेशन के बाद बच्ची को स्टेबल कर वार्ड में शिफ्ट किया गया। फिलहाल उसे 4-5 दिनों तक सॉलिड फूड नहीं दिया जाएगा और ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा।
परिवार ने आर्थिक मजबूरियों के चलते सरकारी अस्पताल का सहारा लिया
बच्ची के पिता मजदूरी का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि कई महीनों से बच्ची के पेट में दर्द था, लेकिन निजी अस्पताल में ऑपरेशन कराने में सक्षम नहीं थे। SKMCH में बच्ची का सफल इलाज हुआ और अब वह सुरक्षित है।


डॉक्टरों की सलाह- मानसिक रोग विशेषज्ञ से कराएं इलाज
डॉ. आशुतोष कुमार ने कहा कि बच्ची की इस आदत को खत्म करने के लिए मनोरोग विशेषज्ञ से परामर्श आवश्यक है। समय रहते इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है।
बच्ची के ऑपरेशन के बाद उसकी स्थिति फिलहाल सामान्य है। डॉक्टरों की टीम ने इसे एक जटिल लेकिन सफल सर्जरी बताया।

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