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शिक्षण संस्थानों के आसपास तम्बाकू उत्पाद बेचने पर होगी कड़ी दंडात्मक करवाई

सरकारी कार्यालयों में तम्बाकू मुक्त क्षेत्र का बोर्ड लगाने का निर्देश

जिला प्रशासन एवं पुलिस उल्लंघनकर्ताओ के खिलाफ़ चलाएगा अभियान

तंबाकू नियंत्रण हेतु गठित त्रिस्तरीय छापामार दस्ता को सीड्स के तकनीकी सहयोग से दिया गया प्रशिक्षण

भागलपुर। समाहरणालय के समीक्षा भवन में शुक्रवार को जिलाधिकारी डॉक्टर नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में राज्य सरकार की तकनीकी सहयोगी संस्था सोशियो इकोनॉमिक एण्ड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाईटी (सीड्स) के सहयोग से आयोजित तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत गठित त्रिस्तरीय छापामार दस्ता एवं अन्य सरकारी पदाधिकारीयों का उन्मुखीकरण सह प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी श्री चौधरी ने तम्बाकू नियंत्रण हेतु जिले में त्रिस्तरीय छापामार दस्ते के गठन के साथ निर्देश देते हुए सभी सदस्यों को शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के अंदर अवस्थित सभी तम्बाकू उत्पाद बेचने वाले दुकानदारों को हटवाते हुए नियमित रूप से छापामारी करने का निर्देश दिया।

सरकारी दफ्तरों और सार्वजनिक स्थानों पर तम्बाकू सेवन करने वालों को दण्डित किया जायगा। सभी सार्वजनिक स्थानों पर कार्यालय में तम्बाकू मुक्त क्षेत्र का बोर्ड लगाने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम को अभियान के रूप में चलाए जाने की आवश्यकता हैं। सार्वजनिक व सरकारी शिक्षण संस्थानों, कार्यालयों, सिनेमा हॉल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, सहित अन्य स्थानों पर धूम्रपान करना दंडनीय अपराध है। डीएम ने जिले के सभी सामाजिक संस्थानों एवं मीडिया जगत को इस अभियान में सहयोग करने अपील की है। कहा कि इस अभियान को सफल करने के लिए और अधिक प्रयास करनी होगी। समाज के आम लोगों के बीच जाकर तंबाकू के सेवन के दुष्प्रभावों से अवगत करवाते हुए इसपर पूर्ण नियंत्रण लगाने हेतु कार्य करने होंगे।

लोगों को तंबाकू का सेवन नहीं करने हेतु प्रेरित एवं जागरूक करना होगा। तंबाकू के दुष्प्रभाव को समाप्त करने हेतु समाज के लोगों को आगे आना होगा। जिलाधिकारी ने कहा कि आप सभी के सामूहिक प्रयास से आज इस कार्यक्रम को पंचायत स्तर तक चलाने की जरूरत है। अपील करते हुए कहा कि हमलोगों को अपने जिले को तम्बाकू मुक्त जिला बनाने की मुहिम शुरू करनी है, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियों को तम्बाकू के दुष्प्रभावों से बचाया जा सके। तम्बाकू नियंत्रण अभियान में सामाजिक संस्थानों को आना होगा। सिविल सर्जन डॉ अशोक प्रसाद ने कहा कि इस अभियान को सफल करने के लिए और अधिक प्रयास करनी होगी। समाज के आम लोगों के बीच जाकर तंबाकू के सेवन के दुष्प्रभावों से अवगत करवाते हुए इसपर पूर्ण नियंत्रण लगाने हेतु कार्य करने होंगे। प्रेरित एवं जागरूक करना होगा।

तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम हेतु राज्य सरकार की तकनीकी सहयोगी संस्था सोशियो इकोनॉमिक एण्ड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाईटी (सीड्स) के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा ने बताया कि बिहार में प्रतिदिन 440 नए बच्चे तम्बाकू सेवन की शुरुआत करते हैं। श्री मिश्रा ने पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया कि राज्य सरकार एवं सीड्स के द्वारा संयुक्त रूप से राज्य के सभी 38 जिलो में चलाए जा रहे तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम कोटपा- 2003 की विभिन्न धाराओ के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही उन्होंने राज्य सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदम की जानकारी दी।

दीपक मिश्रा ने बताया कि पिछले सालों में राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार सरकार के द्वारा राज्य के विभिन्न जिलों में तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम (कोटपा 2003) के अनुपालन का एक स्वतंत्रता एजेंसी से सर्वेक्षण करवाया जाता रहा है। उक्त अनुपालन सर्वेक्षण में धूम्रपान मुक्त के तय मानकों के आधार पर जिला को धूम्रपान मुक्त जिला घोषित किया जाता है। जिला नोडल पदाधिकारी डॉ पंकज मनस्वी ने कार्यशाला में उपस्थित सभी प्रतिभागियों के स्वागत किया तथा जिला स्वास्थ्य समिति के कार्यक्रम प्रबंधक मणी भूषण झा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में सभी वरीय उप समहार्ता, संयुक्त निदेशक जनसंपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, सभी बीडीओ, डीएसपी (मख्यालय), सिविल सर्जन, एसीएमओ, सभी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला नोडल पदाधिकारी डॉ पंकज मनस्वी, सीड्स के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक सुदर्शन सिंह, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं मीडियाकर्मी उपस्थित थे।

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