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बाल-बाल बचे डेढ़ दर्जन बच्चे

नवगछिया। रँगरा थाना क्षेत्र अंतर्गत भवानीपुर गुमटी नंबर 10 और 11 के बीच शुक्रवार की दोपहर करीब तीन बजे बाल भारती नवगछिया विद्यालय के छात्रों से भरा मैजिक वाहन दुर्घटनाग्रस्त होकर पानी भरे दस फिट गड्ढे में पलट गया। वाहन में लगभग डेढ़ दर्जन बच्चे सवार थे। सभी बच्चे सुरक्षित हैं। वही आधा दर्जन बच्चों का हाथ पैर और सिर मे आंशिक व अन्य को गंभीर चोट आया है। सूचना मिलते ही डायल 112 की टीम मौके पर पहुंची और बचाव कार्य मे जुट गई। वही सूचना पर रँगरा और नवगछिया थाना की पुलिस घटनास्थल पर पहुंच कर ग्रामीणों की मदद से एंबुलेंस से सभी जख्मी बच्चे को अनुमंडल अस्पताल नवगछिया में भर्ती कराया।

घटना के बाद मौके पर स्थानीय सैकड़ो ग्रामीण व बच्चे के अविभावक पहुंच गए। घटनास्थल पर अफरातफरी का माहौल था। बच्चों के रोने चिल्लाने की आवाजें आ रही थी। जानकारी के अनुसार बाल भारती विद्यालय व बाल भारती पोस्ट आफिस रोड के दो दर्जन छात्रों को घर छोड़ने मैजिक वाहन रँगरा मंदरौनी एनएच 31 की तरफ जा रही थी।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार घटना भवानीपुर गुमटी, ब्राह्मण टोला और गोपी ढाबा के बीच में स्थित एक सड़क के किनारे एक घर का निर्माण हो रहा था और सड़क पर ही घर बनाने वाला सामग्री मिलाया जा रहा था। निर्माण मसाले पर चालक से स्टेयरिंग नियंत्रित नही हुआ जिस कारण चालक ने नियंत्रण खो दिया और अगले ही पल सड़क किनारे दस फिट पानी भरे गड्ढे में पलट गया। ग्रामीणों की मदद से पुलिस टीम ने सभी बच्चो को पानी से बाहर निकाला। गलिमत रही कि गड्ढा अधिक नही था और उसमें पानी भी कम था अन्यथा बड़ा हादसा टाला नही जा सकता था।

निजी स्कूलों के वाहन रहता है जर्जर

अप्रशिक्षित चालक के ऊपर दर्जनों बच्चों का जीवन

नही होती है वाहनों की जांच

गौरतलब हो कि नवगछिया पुलिस जिले में सैकड़ो निजी स्कूल खुल गया है। सभी स्कूलों के अपने अपने नियम और कानून पारित है। इन स्कूलों में पढनें वाले बच्चों को घर से लाने और पहुंचाने वाले वाहन जो अभिवावकों के द्वारा अलग अलग गाँव से की गयी व्यवस्था वर्षों पुराना जर्जर स्थिति में रहता है। अप्रशिक्षित चालक इन वाहनों को चलाते हैं। जिसे न दाएं का ज्ञान है और न बाएं दिशा का। ऐसे कहिए दर्जनों बच्चों का जीवन एक अप्रशिक्षित चालक के हाथ में रहता है। चालक के द्वारा ज्यादा मुनाफा और समय की बचत करने के लिए वाहन पर मुर्गा मुर्गी के तरह बच्चे को भरते हैं। वही शिक्षा विभाग सहित स्थानीय प्रशासन इन सब बातों से अंजान हैं। अविभावकों को बच्चे के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है।

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