गोपालपुर – शारदीय नवरात्रा के शुभ अवसर पर मंगलवार को मां दुर्गा के दूसरी पूजा अर्थात माता के ब्रह्मचारिणी रूप की पूजा के मौके पर आयोजित सैदपुर दुर्गा मंदिर प्रांगण में राम कथा के दूसरे दिन विद्वान कथावाचक संत शंभू नाथ शास्त्री ने कहा कि बच्चों के प्रथम गुरु माता -पिता होते हैं. उन्होंने कहा कि पिता वट वृक्ष की तरह बच्चों को छाया प्रदान करते हैं .मां बच्चों को अपनी ममता के साथ भरण पोषण करती हैं.
बच्चों को संस्कार माता-पिता से ही मिलता है और वहीं से उसका जीवन शुरू होता है. बच्चे का जीवन माता पिता के बताए कर्मों से आगे बढ़ताहै. इस मौके पर शंभू नाथ शास्त्री ने कहा कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था. लेकिन जिस तरह राम ,लक्ष्मण ,भरत व शत्रुघ्न को संस्कार मिला वह संस्कार ही आगे बढ़कर उनके जीवन में काम आया. जितना अपने अनुज भाइयों का सम्मान देते थे .उससे कहीं अधिक अपने बड़े भाई का सम्मान सभी भाई देते थे.