भागलपुर : जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें जिले के अति कुपोषित एवं कुपोषित बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए उपायों पर चर्चा की गई। बैठक में आईसीडीएस (समेकित बाल विकास सेवाएं), स्वास्थ्य विभाग, और संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने जोर देकर कहा कि बच्चों को कुपोषण से बाहर निकालने के लिए सिर्फ पोषण पुनर्वास केंद्र (NRC) पर निर्भर नहीं रहा जा सकता। उन्होंने निर्देश दिया कि अनुमंडल स्तर पर पोषण पुनर्वास केंद्र का निर्माण कराया जाए, और शहरी क्षेत्र में 50 बेड का अस्थाई पोषण पुनर्वास केंद्र स्थापित करने का निर्देश भी स्वास्थ्य विभाग को दिया गया।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि तीन श्रेणियों में कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया जाएगा – अति कुपोषित, कुपोषित, और अस्वस्थ। इन बच्चों को संतुलित आहार और वांछित दवा देकर कुपोषण से बाहर निकालने की योजना बनाई गई। इसके अलावा, जिला और प्रखंड स्तर पर संबंधित पदाधिकारियों और कर्मियों को प्रशिक्षण देने की भी योजना बनाई गई है, जिसमें स्वास्थ्य विभाग, जीविका, और आईसीडीएस की प्रमुख भूमिका होगी।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि इस अभियान के लिए पोस्टर, पंपलेट और अन्य प्रचार सामग्री तैयार की जाएगी, और शिशु चिकित्सकों को भी इस विषय पर संवेदनशील बनाने के प्रयास किए जाएंगे।