


नवगछिया के रंगरा प्रखंड के अधिकांश गांवों में बाढ़ का पानी घुसने से स्थानीय लोगों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर रंगरा गांव के दुर्गा स्थान, जो पूरी तरह जलमग्न है, में दुर्गा पूजा के चौथे दिन भी बाढ़ का पानी कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
मंदिर के पुजारी और ग्रामीण मां दुर्गा की पूजा अर्चना करने में जुटे हैं। वे निरंतर पूजा कर रहे हैं और साथ ही बाढ़ का पानी कम करने के लिए गंगा मां की आरती भी कर रहे हैं। श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने के लिए कमर भर पानी को पार करना पड़ रहा है, जो पूजा के लिए एक बड़ी बाधा है।

बलि देने की प्रथा का संकट
रंगरा दुर्गा मंदिर में वर्षों से चली आ रही बलि देने की प्रथा भी इस बार प्रभावित हुई है। बलि देने के लिए निर्धारित स्थान पूरी तरह जलमग्न है, जिससे मंदिर के व्यवस्थापकों को चिंता सता रही है। मुख्य पंडित आचार्य शंभू नाथ वैदिक ने बताया कि इस बार मां गंगा के स्नान के लिए श्रद्धालुओं को गंगा घाट जाने में कठिनाई हो रही है, क्योंकि इस बार मां गंगा मंदिर तक आ गई है।

सात पूजा तक इंतजार
मेला कमेटी के अध्यक्ष प्रभाकर ठाकुर और अन्य सदस्यों का कहना है कि वे सात पूजा तक पानी के सूखने का इंतजार करेंगे। यदि पानी निकास हो जाता है, तो पूजा धूमधाम से मनाई जाएगी। अन्यथा, मंदिर कमेटी किसी अन्य विकल्प पर विचार करेगी। मंदिर के अध्यक्ष गौतम कुमार सिंह और अन्य ग्रामीणों का मानना है कि मां दुर्गा की पूजा किसी भी हाल में होना सुनिश्चित है।
भविष्य की तैयारी के लिए मंदिर कमेटी और ग्रामीणों ने एकजुटता से प्रयास जारी रखे हैं, ताकि बाढ़ की स्थिति में भी मां की आराधना को प्रभावित न होने दिया जाए।

