भागलपुर में गंगा का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों और नेशनल हाईवे पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में हालात गंभीर हो गए हैं। खासकर नाथनगर के दिलदारपुर दियारा में बाढ़ के पानी की घुसपैठ से लगभग 2000 लोग प्रभावित हुए हैं। दिलदारपुर क्षेत्र बाढ़ग्रस्त होने के कारण यहां के ग्रामीणों को अपनी जान बचाने के लिए तिलकामांझी यूनिवर्सिटी कैंपस में शरण लेने की आदत रही है।
लेकिन इस बार तिलकामांझी यूनिवर्सिटी के कुलपति ने इन लोगों को वहां रहने की अनुमति नहीं दी है। इससे परेशान होकर दिलदारपुर गांव के सैकड़ों ग्रामीण भागलपुर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से अपील की है कि उन्हें उनके गांव के पास स्थित ढिलहा कोठी में रहने की अनुमति दी जाए, जैसा कि पिछले कई वर्षों से होता आया है।
ग्रामीणों का कहना है कि ढिलहा कोठी उनके गांव के करीब है और वहां पर रहने से उन्हें बाढ़ की गंभीर स्थिति से राहत मिलती है। बाढ़ से प्रभावित लोग जिलाधिकारी से त्वरित और प्रभावी मदद की उम्मीद कर रहे हैं ताकि वे सुरक्षित रह सकें और बाढ़ की आपात स्थिति का सामना कर सकें।
जिलाधिकारी कार्यालय में इस मुद्दे पर चर्चा की जा रही है और बाढ़ प्रभावित लोगों की सुरक्षा और राहत के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।