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नवगछिया: एक तरफ नवगछिया के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोग जीवन बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रशासन बाढ़ के अस्तित्व से ही इनकार कर रहा है। नवगछिया अनुमंडल पदाधिकारी उत्तम कुमार के अनुसार, नवगछिया में कहीं भी बाढ़ की स्थिति नहीं है, बल्कि सिर्फ निचले इलाकों में पानी भर गया है। उनके मुताबिक, किसी भी घर में बाढ़ का पानी प्रवेश नहीं किया है, और यह समस्या केवल निचले हिस्सों तक सीमित है।

हालांकि, सधुआ और सहोड़ा गांव के हालात प्रशासन के दावों के विपरीत दिखाई देते हैं। सधुआ गांव में बाढ़ का पानी एक हजार से अधिक घरों में प्रवेश कर चुका है, जिससे गांव के लोग अपने जीवन को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। बाढ़ के कारण सधुआ गांव का सड़क संपर्क पूरी तरह से टूट गया है, जिससे ग्रामीणों का मुख्य सड़क और बाजार तक पहुंचना जान जोखिम में डालने के बराबर हो गया है।

कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से स्थिति और भी भयावह हो गई है। चापरहाट बाजार में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है, जिससे मो. सद्दाम, अजय पासवान सहित दो दर्जन दुकानदारों की दुकानें पानी में डूब गई हैं। सब्जी हाट में बाढ़ का पानी भर जाने से दर्जनों सब्जी विक्रेता भी परेशान हैं। यूको बैंक और प्राथमिक विद्यालय चापरहाट, मवि चापरहाट, इंटरस्तरीय उच्च विद्यालय चापरहाट में भी पानी घुस गया है, जिससे छात्र बाढ़ के पानी से होकर स्कूल पहुंचने को मजबूर हैं।

बाढ़ के बढ़ते दबाव के चलते नवगछिया एसपी पूरण कुमार झा ने गोपालपुर और इस्माइलपुर में तटबंधों का निरीक्षण किया। इस दौरान गोपालपुर और इस्माइलपुर थानाध्यक्ष सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी भी उपस्थित थे। एसपी ने मौके पर स्थानीय ग्रामीणों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को सुना और स्थिति का जायजा लिया।

बाढ़ के इस संकट में प्रशासन के बयान और जमीनी हकीकत के बीच बड़ा अंतर दिख रहा है, जिससे बाढ़ प्रभावित लोग और भी अधिक परेशान हैं। प्रशासन से राहत और सहायता की उम्मीद लगाए बैठे इन लोगों के लिए स्थिति दिन-ब-दिन विकट होती जा रही है।

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