भागलपुर के सुलतानगंज रेफरल अस्पताल सिविल सर्जन डॉ उमेश शर्मा पहुंचे तो सुलतानगंज रेफरल अस्पताल, प्रभारी उषा कुमारी मिले गायब। भागलपुर सिविल सर्जन ने मीडिया को बताया कि जब प्रभारी ही हॉस्पिटल में नहीं रहते हैं तो जूनियर डॉक्टरों के द्वारा आप अनुमान लगा सकते हैं कि रेफरल अस्पताल किस तरह का इलाज करने की उम्मीद लगा सकते हैं।
बताते चलें कि सुलतानगंज रेफरल अस्पताल में इलाज के लिए उचित मेडिसिन उपलब्ध नहीं है नहीं अस्पताल में एंबुलेंस, एक ही एंबुलेंस के भरोसे, यदि किसी कारणवश इमरजेंसी में जरूरत हो एंबुलेंस की उसके लिए खुद ही वाहन की सुविधा उपलब्ध करना पड़ता है।
किस तरह से रेफरल अस्पताल में इलाज के नाम पर रेफरल अस्पताल प्रभारी के द्वारा लापरवाही दर्शाता है कि,ना तो सही समय पर डॉक्टर का नहीं मिलना, इलाज कराने के नाम पर गरीब परिवार को डॉक्टर के द्वारा दवाई के लिए प्राइवेट मेडिकल दुकान से दवाई लाने को कहना।
आखिर इस तरह का सरकारी अस्पतालों की लचर पचर व्यवस्था क्यों .????