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नवगछिया – राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर अपराधियों की गोली के शिकार हुए तुलसीपुर निवासी बाले यादव घात प्रतिघात की लड़ाई में मारा गया. बाले का भी पुराना आपराधिक इतिहास रहा है. इस्माइलपुर थाना क्षेत्र में ही वर्ष 2019 में आठ अगस्त को हुई गोली बारी में इस्लाइलपुर के पुलकिया निवासी शातिर टुन्ना यादव को गोली लग गयी थी. इस मामले में बाले आरोपी था.

दूसरी तरफ पिछले वर्ष 20 अप्रैल को टुन्ना के भाई ग्रामीण चिकित्सक विनीत यादव हत्याकांड में भी बाले यादव का नाम सामने आया था. इस्माइलपुर पुलिस ने बताया कि डेढ़ वर्ष से पुलिस बाले की तलाश कर रही थी लेकिन बाले अलग अलग जगहों पर ठिकाना बदलकर रहता था. जिसके कारण आज तक वह पुलिस से बचता रहा.

जानकारी मिली है कि टुन्ना सिंह और उसके गिरोह से बाले की पुरानी दुश्मनी है. चार साल पहले बाले इस्माइलपुर के पुलकिया में रहने गया था. वहां पर बाले ने अपने भाइयों की मदद से गंगा दियारा में एक बीघा और कहलगांव के पुलकिया में तीन कट्ठा कुछ जमीन की खरीददारी की. मृतक के भाई तुलसीपुर निवासी खंतर यादव ने कहा कि इसके बाद से वह अपराधियों के आंखों में खटकने लगा. टुन्ना यादव और उसके गिरोह के सदस्यों द्वारा उसके भाई से रंगदारी मांगी गयी. हमेशा से बाले अपराध और अपराधियों का विरोध करते आया है. इस कारण जब टुन्ना को गोली लगी तो उसने बाले को ही आरोपी बना दिया. मृतक के भाई ने बताया कि फिर टुन्ना के भाई विनीत की हत्या हुई तो बेवहज बेवजह बाले का भी नाम दे दिया गया.

22 जून 2019 को इस्माइलपुर थाना क्षेत्र के जहाजवा धार के पास अपराधियों ने इस्माइलपुर हाट के ग्रामीण चिकित्सक डॉ पिंटू शर्मा के 14 वर्षीय पुत्र मनीष कुमार की गोली मार कर हत्या कर दी थी. उस समय बात सामने आयी थी कि पिंटू शर्मा और ग्रामीण चिकित्सक विनीत यादव के बीच व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा के कारण विनीत यादव ने भगालपुर जा रहे पिंटू शर्मा और उसके पुत्र पर जानलेवा हमला किया जिसमें पिंटू बाल बाल बच गए और उसका पुत्र मार गया. इस घटना के ठीक दो माह बाद विनीत के भाई टुन्ना पर जानलेवा हमला हुआ. इस जानलेवा हमले में पिंटू शर्मा के साथ बाले यादव व अन्य को भी नामजद किया गया था. बालक मनीष की हत्या के ठीक 10 माह बाद विनीत की हत्या पिछले वर्ष हुई तो विनीत के परिजनों का आरोप था कि डॉ पिंटू शर्मा ने अपने बाले यादव को अपने पुत्र की हत्या का बदला लेने के लिये बतौर सुपारी किलर के रूप में उपयोग किया.

हत्या के वक्त बाले के साथ मौजूद था उसका भाई कैलाश यादव उर्फ कैलू के लिखित बयान के आधार पर मामले की प्राथमिकी नवगछिया थाने में दर्ज करायी गयी है. कल्लू यादव का कहना है कि उसके भाई की हत्या इस्माइलपुर थाना क्षेत्र के पुलकिया निवासी टुनटुन यादव उर्फ टुन्ना, बुल्ला यादव, लालू यादव, छोटूवा यादव, रूपेश यादव और मुरारी यादव को नामजद किया गया है. कैलाश का कहना है कि शनिवार के दिन वह अपने भाई वाले यादव के साथ मधेपुरा जिले के मोरसंडा स्थित अपने खेत जा रहे थे. रविवार को पटवन करना था.

वे कहलगांव स्थित पुलकिया घोघा से मोटरसाइकिल से घोघा जा रहे थे. इसी बीच बाले के मोबाइल नंबर 8603997587 पर एक फोन आया और फोन करने वाले ने लक्ष्मी हॉटल के पास बुलाया. जैसे ही वे दोनों हॉटल के पास पहुंचे तो सभी आरोपियों ने दोनों को घेर लिया. कैलाश ने कहा कि अपराधियों ने हथियार निकाल कर उकसे भाई को गोली मार दी. अब अपराधियों के निशाने पर वही था. कैलाश ने बताया कि जान बचाने के लिये वह वहां से भाग गया और भाग कर घर चला गया. कुछ देर बाद पुलिस ने उसे घटना की जानकारी दी.

परिजनों ने बताया कि खेत पटवन हो जाने के बाद बाले तुलसीपुर में गृह निर्माण करवाने वाला था. इंदिरा आवास का प्रथम किस्त ₹40,000 मिल गए थे लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था. बाले अपने छः भाइयों में तीसरे नंबर पर था. बाले के अन्य भाई खंतर यादव, लालू यादव, कैलाश यादव, राजू यादव, कन्हैया यादव गहरे सदमे में हैं तो बाले की मां मन्नी देवी और उसकी बहनों का रो रो कर बुरा हाल था. बाले अविवाहित था. उसके पिता रेसो यादव की मौत पूर्व में ही हो गयी थी.

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