

भागलपुर: ईद-उल-फितर इस्लाम धर्म का सबसे बड़ा पर्व है, लेकिन इस बार भागलपुर में इसका पर्व कुछ अलग तरीके से मनाया गया। मुसलमानों ने बक्फ बोर्ड बिल के खिलाफ काला पट्टी बांधकर ईद-उल-फितर की नमाज अदा की। नमाजियों का कहना था कि बक्फ बोर्ड बिल का सदन में पारित होना मुसलमानों के खिलाफ है और इसे किसी भी हाल में मंजूर नहीं किया जा सकता।
ईद कमेटी के सचिव समस तवरेज रहमानी ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम इस बिल को संविधान के खिलाफ मानते हैं और इसे कभी पारित नहीं होने देंगे। यह बक्फ के रूह के खिलाफ है और हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने जैसा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस बिल को लेकर अगर सरकार ने कोई भी गलत कदम उठाया, तो इसका विरोध और बड़े आंदोलन के रूप में होगा।
समस तवरेज रहमानी ने यह भी कहा कि जितनी भी जमीन बक्फ की है, वह पूरी तरह से मुसलमानों की है, और सरकार को इसे गलत तरीके से कब्जाने का कोई हक नहीं है। उन्होंने भारतीय संविधान का हवाला देते हुए चेतावनी दी कि अगर सरकार संविधान के खिलाफ काम करती है, तो इससे बड़ा आंदोलन होगा।