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शिक्षा विभाग ने राज्य के राजकीयकृत व प्रोजेक्ट कन्या माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में लिपिक एवं आदेशपाल पद (संवर्ग) को तत्काल प्रभाव से मरणशील घोषित कर दिया है। इन पदों पर कार्यरत कर्मी जैसे-जैसे सेवानिवृत्त होंगे उनका पद डाइंग हो जाएगा। इसके साथ ही शिक्षा विभाग ने लिपिक की जगह विद्यालय सहायक और आदेशपाल की जगह विद्यालय परिचारी के पद के सृजन और उसकी जगह पंचायती राज संस्थान तथा नगर निकाय संस्थानों के माध्यम से नियोजन की स्वीकृति दे दी है। राज्य मंत्रिमंडल से पहले ही विभाग के इस प्रस्ताव पर मुहर लग चुकी थी, शुक्रवार को संकल्प भी जारी कर दिया गया। 

विद्यालय सहायक का पद सीधी भर्ती से भरा जाएगा और आवेदक को जिस नियोजन इकाई के स्कूल में नियोजित किया जाना होगा, उसे वहां का निवासी होना अनिवार्य होगा। इंटर या समकक्ष पास तथा मान्यता प्राप्त संस्थान से कम्प्यूटर संचालन का छह माह का डिप्लोमाधारी, न्यूनतम 18 वर्ष का व्यक्ति इस पद के योग्य होगा। विद्यालय सहायक को 16500 रुपए मासिक मानदेय मिलेगा। वहीं विद्यालय परिचारी के लिए मैट्रिक की उत्तीर्णता अनिवार्य होगी। न्यूनतम उम्रसीमा 18 वर्ष है। दोनों ही पदों के लिए स्थायी निवासी होना अनिवार्य है। विद्यालय सहायक व परिचारी का नियोजन संबंधित नियोजन इकाई द्वारा मेधा सूची के आधार पर की जाएगी। इनके वेतनभार के लिए सरकार संबंधित नियोजन इकाइयों को अनुदान देगी। 

कार्य संतोषजनक रहने पर दोनों ही पदों के लिए क्रमश: 500 एवं 400 रुपए का वार्षिक वेतनवृद्धि भी तय किया गया है। इस नियोजन नियमावली को लागू करने के साथ ही सेणवाअवधि में मृत हुए शिक्षकों व कर्मचारियों के आश्रितों की अनुकम्पा पर लंबित नियुक्तियों का रास्ता भी साफ हो गया है। शिक्षकों के जो आश्रित शिक्षक पात्रता परीक्षा और प्रशिक्षण की डिग्री रखते हैं उनकी नियुक्ति में तो कोई समस्या नहीं थी, लेकिन जिनके पास ये डिग्रियां नहीं हैं, वे पिछले कई साल से अनुकम्पा नियुक्ति के इंतजार में थे। नियमावली में प्रावधान किया गया है कि विद्यालय सहायक व परिचारी के 50 फीसदी रिक्ति अनुकम्पा आश्रितों के लिए होंगे। मृतक शिक्षक अथवा कर्मी को अपने संबंधित नियोजन इकाई में आवेदन देने होंगे। विद्यालय सहायक पद पर नियुक्त आश्रितों को टंकण एवं कम्प्यूटर सक्षमता जांच परीक्षा में उत्तीर्ण होना होगा। उत्तीर्ण नहीं होने पर उन्हें विद्यालय परिचारी के पद पर नियोजित करने पर विचार होगा। विद्यालय सहायक और विद्यालय परिचारी, दोनों के पद पर स्थानांतरण की सुविधा नहीं होगी।

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