भागलपुर/ निभाष मोदी
गांव के ही रुदल 40 वर्षों से कर रहे प्रतिमा का निर्माण, 501 पाठे की बलि देकर किया जाता है मां की पूजा अर्चना
भागलपुर जिला के नाथनगर प्रखंड के रामपुर खुर्द पंचायत के बहवलपुर गांव में बिहार की सबसे ऊंची काली मां की प्रतिमा बनाई गई है, यह प्रतिमा 32 फीट से भी ऊंची है जो बिहार में काली मां की सबसे ऊंची प्रतिमा है, यहां 350 वर्षों से भी अधिक सालों से प्रतिमा का पूरे नेम निष्ठा से पूजन अर्चना किया जाता है, प्रतिमा को स्थापित करने से पहले यहां विशेष पूजा की जाती है, प्रतिमा को पहले बेल के पेड़ के नीचे स्थापित किया जाता था अब पीपल के पेड़ के नीचे स्थापित कर पूजन अर्चना की जाती है, यहां मंदिर नहीं है, नाथनगर व जिले भर से हजारों की तादाद में भक्त यहां मां काली के दर्शन को पहुंचते हैं।
गांव के ही रुदल 40 वर्षों से बना रहे हैं बम काली की प्रतिमा
बिहार की सबसे ऊंची काली प्रतिमा का निर्माण बहवलपुर गांव के ही रहने वाले रूद्र नारायण सिंह 40 वर्षों से करते आ रहे हैं, इससे पहले यही के मूर्तिकार इसका निर्माण करते थे उन्होंने बताया कि यहां पर पहली बार काली सिंह ने मां काली की पूजा की थी, ऐसा कहा जाता है कि उनको मां काली सपने में दर्शन देकर पीपल पेड़ के नीचे पूजा करने को कहा था तब से निरंतर मां काली की पूजा हो रही है ,ऐसी मान्यता है कि यहां मंदिर निर्माण नहीं होना है। यहाँ प्रतिमा का विसर्जन शोभायात्रा भी काफी भव्य होता है, विसर्जन शोभायात्रा में कंझीया बाईपास से होते हुए चंपापुर घाट पर मां की प्रतिमा को विसर्जित किया जाता है ,भागलपुर की बम काली प्रतिमा के दर्शन के लिए कई गांव से लाखों लोग यहां जुटते हैं इसकी सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन भी काफी मुस्तैद रहती है।
501 पाठे की बलि से होता है मां काली की पूजा
वही मंदिर के मेडपति अजय सिंह ने बताया कि अपने जिला ही नहीं पूरे बिहार में बहबलपुर में मां काली की सबसे बड़ी प्रतिमा बनाई जाती है, और मां को करीब 501 पाठे की बलि दी जाती है, वहीं उन्होंने बताया कि 12 बजे रात्रि से सुबह तक पूजा निरंतर चलता रहता है।