गोपालपुर – अनुमंडल पदाधिकारी ई अखिलेश कुमार व अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी दिलीप कुमार के नेतृत्व में नवगछिया पुलिस ने बुधवार की दोपहर को तिनटंगा करारी स्थित जहाज घाट के निकट अवैध रुप से सफेद बालू का उठाव कर काला कारोबार करने पर छापेमारी कर पुलिस ने मौके पर से तीन -चार ट्रैक्टर टेलर को सफेद बालू सहित पकड कर गोपालपुर थाना पुलिस को सुपुर्द किया.
मिली जानकारी के अनुसार इस छापेमारी अभियान की भनक गोपालपुर पुलिस को नहीं लगने दी गई थी. छापेमारी के दौरान स्वयं एसडीपीओ दिलीप कुमार ने गोपालपुर थानाध्यक्ष को जहाज घाट पर बुलाया. बताते चलें कि दर्जनों ट्रैक्टरों के द्वारा स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से दिन रात गंगा नदी के किनारे से सफेद बालू व मिट्टी का उठाव कर.
मिट्टी का उठाव कर अवैध रूप से चल रहे दर्जनों ईंट भट्ठों पर मनमाने दाम पर बेचा जाता है. जबकि पिछले एक दशक से गंगा नदी में लगातार कटाव होने के कारण बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग द्वारा कटाव निरोधक कार्य में प्रतिवर्ष करोडों रुपये खर्च किये जाते हैं.
परन्तु स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से गंगा नदी के बिलकुल करीब स्पर संख्या आठ से लेकर नौ के आगे जहाज घाट से कई किलोमीटर आगे तक गंगा नदी से अवैध सफेद बालू का काला कारोबार संगठित व्यवसाय का रूप से चुका है. पहले सफेद बालू का उपयोग ग्रामीणों द्वारा सिर्फ निजी उपयोग में किया जाता था.
परन्तु कुकुरमुत्ते की तरह बिना अनुञप्ति के दर्जनों ईंट भट्ठों के संचालित होने के कारण सफेद बालू मुँहमाँगी कीमत पर बेची जाती है. कटाव निरोधक कार्य व बाढ संघर्षात्मक कार्यों में भी बडे पैमाने पर सफेद बालू का उपयोग होने के कारण इसकी कीमतों में काफी उछाल आ गया है. कई ट्रैक्टर मालिकों ने बताया कि हमलोगों के रोजी -रोटी का एक मात्र साधन ट्रैक्टर ही है.
डीजल, ड्राइवर, स्थानीय रंगदार व लोकल पुलिस को देने के बाद हमलोगों को मुश्किल से एक सौ रुपये प्रति ट्रिप ही बच पाता है. ऐसे में अब हमलोगों के समक्ष रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो गई है.
गोपालपुर पुलिस पर सवालिया निशान- एसडीएम व एसडीपीओ के द्वारा बिना गोपालपुर पुलिस को जानकारी दिये अवैध बालू के उठाव पर छापेमारी करने से गोपालपुर पुलिस पर सवालिया निशान लग गया है. क्योंकि प्रतिदिन दर्जनों ट्रैक्टरों के द्वारा सफेद बालू का ढुलाई बिना गोपालपुर पुलिस की मिलीभगत से नहीं हो सकता .ऐसा ग्रामीणों व प्रशासनिक हलकों में चर्चा है. खैर जो भी देर से ही प्रशासन की इस कार्यवाई से अवैध बालू कारोबारियों में हडकंप मच गया है.