भागलपुर के नवगछिया स्थित गोपालपुर प्रखंड के बिंद टोली में बांध टूटने के बाद स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई है। चारों ओर केवल पानी ही पानी नजर आ रहा है, और गंगा नदी अभी भी खतरे के निशान से 58 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। बांध टूटने के कारण सैकड़ों परिवार बेघर हो गए हैं, और कई लोग पलायन करने पर मजबूर हो गए हैं।
बिहार सरकार ने इस बांध को बनाने के लिए 2008 में 44 करोड़ रुपये खर्च किए थे, और इस साल, 2024 में, इसकी मरम्मत के लिए 15 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। इसके बावजूद, बांध टूट गया, जिससे कई एकड़ में फैले किसानों के फसल नष्ट हो गए और मवेशियों के लिए चारा की समस्या उत्पन्न हो गई है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि जल संसाधन विभाग द्वारा बांध निर्माण में घोर लापरवाही की गई थी, जिसके परिणामस्वरूप यह त्रासदी हुई। बांध के टूटने से न केवल किसानों को भारी नुकसान हुआ है, बल्कि क्षेत्र में जीवनयापन भी अत्यंत कठिन हो गया है।
भागलपुर के जिलाधिकारी, डॉ. नवल किशोर चौधरी, ने कहा कि सरकार स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है और प्रभावित लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं, स्थानीय बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि उन्हें सरकार से त्वरित सहायता और पुनर्वास की आवश्यकता है, ताकि वे अपने जीवन को फिर से पटरी पर ला सकें।