- दाह संस्कार के इंतजार में 17 घंटे घर मे ही पड़ा रहा शव
- अंततः पीएचसी के एम्बुलेंस से शव को भेजा गया शव दाह गृह
नवगछिया – रंगरा प्रखंड के बनिया गांव में कोरोना संक्रमित एक शिक्षक की मौत हो जाने के बाद दाह संस्कार के इंतजार में 17 घंटे तक शव पड़ा रहा. आप पास के लोग शव को छूने के लिए भी तैयार नहीं हो रहे थे.
अंततः एक प्राइवेट एम्बुलेंस से मृतक के शव को भागलपुर स्थित बरारी शव दाह गृह पहुंचाया गया जहां देर शाम शव का दाह संस्कार किया गया. जानकारी मिली है कि 42 वर्षीय शिक्षक गांव में ही एक पेड़ पर चढ़ने के क्रम में करीब एक माह पहले गिर गए थे. जिससे वे चोटिल हो गए थे. करीब एक माह से उनका इलाज भागलपुर में कराया जा रहा था. इलाज के दौरान ही वे कोरोना संक्रमित हो गए. इसके बाद उन्हें घर पर ही कोरेंटिन रखा गया था.
मंगलवार रात एक बजकर 30 बजे उनका निधन हो गया. परिजनों ने बताया कि सुबह आस पास का कोई भी व्यक्ति दाह संस्कार में सहयोग करने को तैयार नहीं हुआ जबकि शिक्षक के बच्चे अभी छोटे हैं. परिजनों ने कहा कि दिन भर वे लोग दाह संस्कार करवाने के लिये काफी परेशान रहे. 102 पर एम्बुलेंस को फोन किया तो बोला गया कि अगर अस्पताल में मृत्यु हो तो ही वे सेवा दे सकते हैं.
फिर मृतक के एक संबंधी ने भागलपुर में प्राइवेट स्तर से एम्बुलेंस का जुगाड़ कर बनिया गांव भेजा. जानकारी मिली है कि मृतक के घर पर ही आग देने की परंपरा पूरी कर ली गयी. गांव के दो लड़के मोटरसाईकिल से श्मशान तक गए थे.