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नवगछिया अनुमंडल के रंगरा थाना क्षेत्र के हरनाथचक मदन अहिल्या कॉलेज के सामने श्रीकांत साह के मकान में संचालित निजी क्लीनिक माँ दुर्गा तेतरी हेल्थ केयर सेंटर में शुक्रवार की संध्या रंगरा थाना क्षेत्र के झल्लू दास टोला तीनटंगा निवासी सुनैना देवी पति कृष्ण कुमार सिंह की प्रसव पीड़ा में जच्चा बच्चा की दर्दनाक मौत के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है । अस्पताल संचालक नर्सिंग होम को बंद करनें के बाद भी अनुमंडल अस्पताल के ही इर्द गिर्द घूम कर मैनेज करने में लगा हुआ हैं । बताया जा रहा है कि यह काला खेल एक एएनएम जो अपने आप को डॉक्टर बताती है के नर्सिंग होम से शुरू होता है । सूत्रों से मिली जानकारी व परिजनों से मिले बयान के आधार पर यह स्पष्ट है कि महिला को सर्वप्रथम प्रसव पीड़ा होने के बाद झललूदास टोला से रंगरा सीएससी केंद्र लाया गया जहां से उसी गाँव की निवासी आशा कार्यकर्ता रेखा देवी ने झांसे में लेकर नवगछिया अनुमंडलीय अस्पताल न ले जाकर बल्कि नवगछिया आदर्श थाना के ठीक सामने स्थित महादेव हेल्थ केयर नामक एक स्वास्थ्य कर्मी एएनएम जो अपने को चिकित्सक बताती है के निजी क्लीनिक में भर्ती कराया गया । हेल्थ केयर में लगभग 24 घंटा उसे रखा गया जहां स्लाइन और इंजेक्शन दिया गया ।

महिला दर्द से छटपटाती रही जब स्थिति काफी बेकाबू हो गई तो उसे दूसरे दिन 24 घंटे के बाद दूसरे अस्पताल जो हरनाथचक के श्रीकांत साह के मकान में संचालित होता हैं मां दुर्गा तेतरी हेल्थ केयर भेजा गया । वहां बोर्ड में भी कई प्रतिष्ठित डॉक्टर का नाम अंकित है । वही अनुमंडलीय अस्पताल के ही दो कर्मी जो अलग-अलग विभाग में स्वास्थ्य कर्मी है डॉक्टर बनकर मरीजों का इलाज और ऑपरेशन करते हैं। वहां के एक कमी को बुलाया गया जिन्होंने जांच के बाद कहा कि इसकी स्थिति गंभीर है और कुछ देर की ही यह मेहमान है। इतना सुनते ही नर्सिंग होम में कार्यरत कर्मियों के हाथ पांव फूलने लगे । मामले को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने तुरंत एंबुलेंस को बुलाया और उसे किसी भी तरह माँ दुर्गा तेतरी नर्सिंग होम हरनाथचक से मायागंज अस्पताल ले जाने की तैयारी की जाने लगी । एंबुलेंस पर सवार करने के समय ही परिजनों ने देखा कि पीड़िता सुनैना देवी की मौत हो चुकी है परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार इसके बाद उन्होंने पुलिस और पत्रकारों को बुलाया जहां मौके पर परिजन द्वारा हंगामा किया गया । मौके पर नवगछिया एवं रंगरा की पुलिस पहुंची और मामला रंगरा थाना के नजर में दिया गया । शुक्रवार देर रात ही मामले की प्राथमिकी मृतिका सुनैना देवी के पिता सिकंदर मंडल साकिन झल्लू दास टोला तीनटंगा के बयान पर दर्ज किया गया जहां उन्होंने फर्जी क्लीनिक में एमबीबीएस डॉक्टर द्वारा इलाज करने की बात कही है । वही इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार देर रात ही मृत महिला का पोस्टमार्टम नवगछिया अनुमंडलीय अस्पताल में कराया गया व शव परिजनों को सौप दिया गया । नवगछिया एसडीओ ऋतुराज प्रताप सिंह के द्वारा गठित टीम में नवगछिया प्रखंड विकास पदाधिकारी गोपाल कृष्णन एवं अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ० बरुण कुमार द्वारा अस्पताल की जांच की गई हैं । सूत्रों की माने तो यह निजी फर्जी क्लिनिक विगत कई वर्ष से चल रहा है । मकान मालिक द्वारा नर्सिंग होम को किराये पर जगह दिया गया हैं । निजी क्लीनिक में लगे बोर्ड में बड़े-बड़े डॉक्टर का नाम लिखा हुआ है तो है लेकिन डॉक्टर नहीं आते हैं बदले में उन्हें प्रत्येक महीने का खर्चा पानी मिल जाता है । वहीं दूसरी ओर बैनर में अनुमंडलीय अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर बरुण का नाम लिखे जाने पर डॉ बरुण ने साफ शब्दों में कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है ।

मां दुर्गा तेतरी हेल्थ केयर के अंदर नर्सिंग होम में जब पड़ताल हुई तो वहां डॉक्टर के चिट्ठा का पेड़, जांच घर का हैंडविल सहित कई तरह की सामग्री नजर आई । अस्पताल में ओपीडी और ऑपरेशन थिएटर भी बना हुआ है हालांकि पुलिस के पहुंचने से पहले सभी कर्मी फरार हो चुके थे । इलाके में यह भी अफवाह है कि मामले का मैनेज हो गया है लेकिन दूसरी तरफ एक बड़ा सवाल उठता है कि आखिर अनुमंडलीय अस्पताल के पांच सौ मीटर की दूरी पर फर्जी डॉक्टर और फर्जी अस्पताल का जाल बिछा हुआ है अनुमंडलीय अस्पताल के विभिन्न प्रखंडों के आशा कार्यकर्ताओं द्वारा झांसा देकर निजी व फर्जी डॉक्टर के पास इलाज के लिए भेजा जाता है तो इस गिरोह का संचालक कौन है .? और इस नेटवर्क का लाइनमैन कौन है .? सूत्रों की माने तो अभी वर्तमान में नवगछिया अनुमंडल क्षेत्र में आशा स्वास्थ्य कर्मियों का गिरोह सक्रिय है । एक आशा कर्मियों की कमाई लाख रुपए से ज्यादा महीने की है । नॉर्मल से लेकर ऑपरेशन तक के डिलीवरी का 50% कमीशन तय है अगर ₹35000 ऑपरेशन का चार्ज हो तो 17500 आशा का कमीशन होता है । एक निजी क्लीनिक के संचालक ने बताया कि यहां डॉक्टर के अलावा एएनएम जीएनएम अस्पताल मेंटेनेंस, किराया हर तरह का खर्च है । सारा खर्च एक तरफ है और आशा कार्यकर्ताओं का कमीशन एक तरफ । विगत के एक वर्ष में दर्जनों महिलाओं की दर्दनाक मौत हो चुकी है लेकिन इसका जाल चुकी अनुमंडलीय अस्पताल से ही है इसीलिए कुछ नहीं हो पता है ना जांच होती है ना करवाई होती है । जिस भी विभाग में पत्र जाता है विभाग को मोटी रकम देकर चुप कर दिया जाता है । हरनाथचक के मा दुर्गा तेतरी हेल्थ केयर के संचालक अमित कुमार सिन्हा जो स्वयं चिकित्सक बताते हैं वह भी दिनभर अनुमंडलीय अस्पताल के आसपास चक्कर काटते रहते हैं कई लोग उन्हें पहचानते हैं कई नहीं । अब एक बड़ा सवाल उठता है कि जब अनुमंडलीय अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं और प्रशासन जानने के बावजूद भी दलालों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं करती है .? आखिर प्रत्येक दिन होने वाले घटनाओं में आशा और एएनएम का नाम आता है फिर भी उसे पर कार्यवाही क्यों नहीं होती है .? अस्पताल के कमी ही दूसरे जगह डॉक्टर बनकर इलाज करते हैं और यह सूचना अस्पताल को होने के बावजूद भी कार्रवाई नहीं होती है .? आखिर यह नेटवर्क यह जाल कहां तक फैला है और कितने लोग इसमें शामिल हैं ।

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