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भागलपुर । बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू), सबौर ने “कृषि 5.0: अगली पीढ़ी की कृषि के लिए एआई (AI) और आईसीटी (ICT) को अपनाना” विषय पर 21 दिवसीय उन्नत प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन किया। यह कार्यक्रम 28 जनवरी से 17 फरवरी, 2025 तक आयोजित हुआ, जिसमें देश के दस राज्यों से 28 वैज्ञानिकों ने भाग लिया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के नवीनतम अनुप्रयोगों से प्रतिभागियों को अवगत कराना था। इसमें एआई-आधारित फसल रोग पहचान, ड्रोन तकनीक द्वारा सटीक कृषि, कृषि में डिजिटल अनुप्रयोग और स्मार्ट कृषि में साइबर सुरक्षा जैसे उन्नत विषयों पर विशेष ध्यान दिया गया।

कार्यक्रम में प्रतिभागियों को सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव का समन्वय प्रदान किया गया, जिसमें हैंड्स-ऑन अभ्यास, सॉफ्टवेयर प्रदर्शन और फील्ड विजिट शामिल थे। IIIT भागलपुर और नालंदा कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर का दौरा भी कार्यक्रम का हिस्सा था। प्रतिभागियों ने इस प्रशिक्षण को “उत्कृष्ट” और “बेहतरीन” बताया।

समापन समारोह में बीएयू सबौर के माननीय कुलपति डॉ. डी.आर. सिंह ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि एआई और आईसीटी के माध्यम से कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव संभव है। उन्होंने इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि इससे कृषि पेशेवरों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार किया जा सकता है। डॉ. सिंह ने कृषि में नवाचार और सतत विकास को प्रोत्साहित करने की दिशा में “सुपर ऐप” निर्माण की पहल पर विचार किया।

समापन सत्र में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए और बीएयू द्वारा भविष्य में भी ज्ञान साझा करने की पहल जारी रखने का आश्वासन दिया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. आर.के. सोहाने, निदेशक प्रसार शिक्षा, बीएयू सबौर थे, जबकि डॉ. आदित्य सिन्हा और डॉ. सी.के. पांडा पाठ्यक्रम समन्वयक के रूप में जुड़े थे।

यह कार्यक्रम कृषि क्षेत्र में डिजिटल नवाचारों की बढ़ती आवश्यकता को दर्शाता है और कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान में बीएयू सबौर की अग्रणी भूमिका को पुनः प्रमाणित करता है।

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