भागलपुर। सैनिक स्कूल गणपत राय सलारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर में वार्षिकोत्सव ‘स्वरांजलि’ का आयोजन उत्साह और उल्लास के साथ किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ संगठन मंत्री ख्यालीराम, प्रदेश सचिव प्रदीप कुशवाहा, लक्ष्मी नारायण डोकनिया, सचिव उपेंद्र रजक, अध्यक्ष डॉ. चंद्रभूषण सिंह, क्षेत्रीय बौद्धिक प्रमुख राणा प्रताप सिंह और प्रधानाचार्य अमरेश कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
शिक्षा का उद्देश्य और संदेश
इस अवसर पर ख्यालीराम ने छात्रों के सर्वांगीण विकास पर जोर देते हुए कहा कि नेतृत्व कौशल, व्यक्तित्व विकास और देशभक्ति को बढ़ावा देना ही शिक्षा का मूल उद्देश्य होना चाहिए। राणा प्रताप ने वर्तमान शिक्षा प्रणाली में समझ विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। वहीं, उपेंद्र रजक ने विद्यालय की शिक्षा का मुख्य उद्देश्य भाषा और संस्कृति की रक्षा बताया।
प्रदेश सचिव प्रदीप कुशवाहा ने कहा, “राम के चरित्र को अपनाकर एक आदर्श पुत्र, शिष्य और राजा के गुण विकसित करना विद्या भारती का मुख्य लक्ष्य है।” लक्ष्मी नारायण डोकनिया ने छात्रों में नैतिकता, सदाचार और परोपकार के गुण विकसित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रदर्शनी
कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने गणेश वंदना, लोक नृत्य, झिझिया, डंबल योग, समूह गीत, पंजाबी भांगड़ा, अंग्रेजी नाटक, घूमर, संस्कृत गीत, एकांकी, तराना नृत्य, गोपी कृष्ण नृत्य और योग नृत्य जैसी आकर्षक प्रस्तुतियां दीं। इन प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया।
विद्यालय परिसर में कला प्रदर्शनी, गणितीय प्रदर्शन, द्वादश ज्योतिर्लिंग, और भारत के प्राचीन वैज्ञानिकों व गणितज्ञों के चित्रों की प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। दर्शकों के लिए छात्रों द्वारा फूड काउंटर की व्यवस्था की गई, जो कार्यक्रम की खासियत रही।
विशेष भूमिकाएं और अतिथि परिचय
धन्यवाद ज्ञापन प्रधानाचार्य अमरेश कुमार ने किया, जबकि अतिथि परिचय उप प्रधानाचार्य अशोक कुमार मिश्र ने कराया। मंच संचालन भानुप्रिया, किसलय और पीहू पल्लवी ने बेहतरीन ढंग से किया।
कार्यक्रम में आदित्य कुमार, नयन, हर्ष राज, सौम्या, स्वस्ति, आर्यन, हर्ष राज, अंकित कुमार, शाश्वत, आनंद कुमार, रुचि रानी और शिवम कुमार जैसे छात्रों ने प्रमुख भूमिका निभाई।
इस मौके पर कार्यक्रम प्रमुख अजय कुमार, पुष्कर झा, मीडिया प्रभारी दीपक कुमार झा, पवन पजियारा और शशि भूषण मिश्र उपस्थित थे।