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गूंजे “जो बोले सो निहाल” के जयकारे

भागलपुर के गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा, गुरुद्वारा रोड स्थित परिसर में रविवार को 326वां बैसाखी उत्सव बड़े ही श्रद्धा और धूमधाम से मनाया गया। बैसाखी को खालसा सजाना दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो 1699 ईस्वी में सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी द्वारा आनंदपुर साहिब में खालसा पंथ की स्थापना की स्मृति में मनाया जाता है।

गुरुद्वारा परिसर में सुबह 10:30 बजे पिछले 48 घंटे से चल रहे अखंड पाठ का समापन हुआ। इसके बाद रांची से आए रागी जत्था भाई दलजीत सिंह ने गुरु की जीवनी पर प्रकाश डाला। भाई संजय सिंह और भाई जसपाल सिंह ने “खालसा मेरा रूप है महान” और “गुरु गोविंद सिंह आपके गुरुवा पर चला” जैसे भजनों से वातावरण को भक्तिमय कर दिया।

गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष सरदार तजेंद्र सिंह और संरक्षक खेमचंद बच्यानी ने खालसा पंथ और बैसाखी के ऐतिहासिक महत्व पर विस्तार से जानकारी दी। सामूहिक अरदास के उपरांत सैकड़ों श्रद्धालुओं ने श्रद्धा से लंगर ग्रहण किया। इस अवसर पर गुरुद्वारा परिसर को भव्य रूप से फूलों से सजाया गया था।

आज रात निशान साहिब के समीप दीप उत्सव का भी आयोजन किया जाएगा, जिससे गुरुद्वारा परिसर एक बार फिर रौशनी से जगमगा उठेगा।

कार्यक्रम को सफल बनाने में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के संरक्षक खेमचंद बच्यानी, अध्यक्ष सरदार तजेंद्र सिंह, सचिव बलबीर सिंह, कोषाध्यक्ष सरदार मंजीत सिंह, उपाध्यक्ष सरदार हरविंदर सिंह भंडारी, सदस्य अजीत सिंह, उपसचिव रमेश सूरी, हरजीत सिंह, ओमप्रकाश बच्यानी, शंकर बच्यानी और अनु सोढ़ी सहित अनेक लोगों का सराहनीय योगदान रहा।

कार्यक्रम से जुड़ी उपयोगी जानकारी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मीडिया प्रभारी सरदार हर्षप्रीत सिंह ने दी।

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