नवगछिया। भागलपुर जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में जिला कृषि टास्क फोर्स की बैठक हुई। बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि अभी तक 71% धान रोपनी का अच्छादन हुआ है। यहां कतरनी का बिचड़ा 20 से 25 अगस्त तक रोपा जाता है। खासकर जगदीशपुर, शाहकुंड, गोराडीह, नाथनगर, सुल्तानगंज कतरनी चावल का इलाका है। यहां उर्वरक की कोई किल्लत नहीं है। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि वैकल्पिक फसल की तैयारी रखा जाए। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि अरहर और मक्का वैकल्पिक फसल के रूप में रखा गया है। सिंचाई की स्थिति के संबंध में पूछने पर बताया गया कि भागलपुर में अधिकतर सिंचाई नलकूप से किया जाता है। जिलाधिकारी ने लघु सिंचाई के अभियंता को सिंचाई सृजन के मुख्य अभियंता से समन्वय स्थापित करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि पीरपैंती में चेक डैम बनाकर गंगा के पानी का सिंचाई के लिए उपयोग किया जाए। इसी तरह चानन नदी एवं चंपा नाला में चेक डैम बनाकर उस पानी का उपयोग सिंचाई के लिए किया जा सकता है। उन्होंने अभियान चलाकर मिट्टी जांच करने का निर्देश दिया। सर्वप्रथम पीरपैंती, संहौला एवं सबौर में शत प्रतिशत मिट्टी जांच कर किसानों को मृदा कार्ड उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया।
तदोपरांत जगदीशपुर और सुल्तानगंज में शत प्रतिशत किसानों का मिट्टी जांच कर उन्हें मृदा कार्ड उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए लैब टेक्नीशियन सुबह 7 बजे से रात्रि 9 बजे तक दो पालियों में कार्य करेंगे तथा प्रतिवेदन प्रखंड कृषि पदाधिकारी को भी उपलब्ध कराएंगे। क्षेत्र भ्रमण के क्रम में वे किसानों से उनकी मिट्टी के संबंध में जानकारी लेंगे यदि वहां का किसान यह बताने में असमर्थ रहते हैं तो संबंधित किसान सलाहकार के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सहायक निदेशक भूमि संरक्षण दीप रश्मि को सभी मनरेगा पीओ से संपर्क कर भू-जल स्तर का आकलन कर पानी की कमी वाले क्षेत्र में तालाब विस्तार हेतु पहल करने का निर्देश दिया। जिला उद्यान पदाधिकारी ने बताया कि भागलपुर में आम, केला, नारियल की बागवानी कराई जा रही है और सूखे क्षेत्र में नींबू, आंवला और बेल की खेती किसानों का समूह बनाकर किया जा रहा है। बिहपुर में 25 एकड़ में नींबू की खेती कराई जा रही है।
कहलगांव, शाहकुंड और पीरपैंती में आंवला और बेल की खेती कराई जा रही है। जिलाधिकारी ने कृषि विश्वविद्यालय सबौर से समन्वय स्थापित कर सब्जी एवं फूल की खेती करवाने हेतु जानकारी प्राप्त करने को कहा। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा निर्धारित क्षेत्र से अधिक क्षेत्र में निर्धारित फसल की खेती कराई जाए। बैठक में जिला मत्स्य पदाधिकारी को तालाबों का विस्तार करने हेतु मनरेगा के पीओ, लघु सिंचाई, कृषि विभाग से समन्वय स्थापित करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि नवगछिया में बड़े-बड़े मन है। उनका विकास मछली पालन के साथ-साथ पर्यटकीय दृष्टिकोण से किया जाए। बताया गया कि महेशखूंट के घनश्याम चक एवं सनहौला में बड़े-बड़े तालाब हैं। बैठक में सभी संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।