भागलपुर : जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में आईसीडीएस, आरटीपीएस, कृषि विभाग एवं आपूर्ति विभाग के कार्यों की समीक्षा की गई।
समीक्षा बैठक में समेकित बाल विकास सेवाएं (ICDS) के तहत पाया गया कि सन्हौला, कहलगांव, गोराडीह, खरीक एवं नारायणपुर के बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों की उपलब्धि 80% से नीचे रही है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि इन सीडीपीओ और महिला पर्यवेक्षिकाओं से कारण पूछा जाए। बैठक में यह भी बताया गया कि आंगनबाड़ी केंद्र भवन निर्माण के लिए 410 स्थल चिन्हित हैं, लेकिन सभी के लिए अभी तक एनओसी प्राप्त नहीं हुई है। जिलाधिकारी ने सभी सीडीपीओ और महिला पर्यवेक्षिकाओं को समन्वय स्थापित कर 10 दिन के भीतर एनओसी प्राप्त करने का निर्देश दिया। डीपीओ आईसीडीएस ने बताया कि जिन आंगनबाड़ी केंद्रों का अपना भवन नहीं है, उन्हें नजदीकी विद्यालय से संबद्ध (टैग) करने का निर्देश मिला है।
परवरिश योजना के अंतर्गत फरवरी 2024 तक 596 आवेदन प्राप्त होने की जानकारी दी गई। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी महिला पर्यवेक्षिकाओं से यह प्रमाण पत्र लिया जाए कि उनके क्षेत्र में परवरिश योजना के योग्य लाभार्थी नहीं छूटे हैं। सीडीपीओ नारायणपुर द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण नहीं किए जाने पर जिलाधिकारी ने स्पष्टीकरण की मांग की।
बिहार लोक सेवा अधिकार अधिनियम (RTPS) की समीक्षा में पाया गया कि नए राशन कार्ड निर्माण हेतु आवेदनों के निष्पादन की गति बहुत धीमी है। जिलाधिकारी ने इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिला आपूर्ति पदाधिकारी को अर्द्ध सरकारी पत्र देने और आईटी मैनेजर को निर्देशित किया कि 15 दिनों के भीतर सभी आवेदनों का निष्पादन सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए जिला आपूर्ति पदाधिकारी अपनी टीम के साथ प्रतिदिन समीक्षा बैठक करेंगे।
बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में जिले की रैंकिंग प्रथम स्थान पर आ गई है और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में जिले की रैंकिंग छठे स्थान पर है। जिलाधिकारी ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को निर्धारित लक्ष्य को शत प्रतिशत पूरा करने का निर्देश दिया।
बैठक में सभी संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।