भागलपुर जंक्शन पर रेलवे का 320 बेड का कोराना अस्पताल बनकर तैयार है। कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए 20 आइसोलेशन कोच बनाए गए हैं। कोरोना अस्पताल सिविल सर्जन को हैंडओवर किया जाएगा। इसके लिए रेलवे की ओर से पत्र भेजा गया है।
सिविल सर्जन की टीम निरीक्षण करेगी, इसके बाद यहां कोरोना मरीजों को भर्ती किया जाएगा। दरअसल, मालदा मंडल के रेल प्रबंधक यतेंद्र से राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से 20 कोच का आइसोलेशन कोच तैयार करने का अनुरोध किया गया था। 20 जुलाई से पहले ही सभी आइसोलेशन कोच बनकर तैयार हो गया है। डीआरएम ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के मांग के अनुरूप कोच समय से पहले तैयार कर लिया गया है। भागलपुर रेल अस्पताल के अवर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सत्येंद्र कुमार को आइसोलेशन कोच को देखभाल के लिए नोडल अधिकारी बनाया गया है।
कोरोना मरीजों के लिए विशेष अस्पताल
आइसोलेशन कोच में नॉन एसी कोच लगे हैं। इसमें मिडिल बर्थ को हटा दिया गया है। एक कोच में आठ केबिन होंगे। प्रत्येक केबिन में दो संक्रमितों को रखा जाएगा। मतलब एक कोच में 16 मरीज रहेंगे, कुल मिलाकर 20 कोच में 320 मरीजों की व्यवस्था होगी। वहीं, चिकित्सकों के लिए चार एसी कोच अलग से रहेंगे। पांच आइसोलेशन कोच पर एक एसी कोच रहेगा। एक केबिन में दो बेड लगाए गए हैं। दोनों बेड के लिए अलग-अलग ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था की गई है। एक कोच के चार शौचालय में एक को बंद कर स्नानागार बनाया गया है। शौचालय अथवा बेसिन के नल में सेंसर लगाया गया है ताकि नल को हाथ से छूने की जरूरत न पड़े।
दक्षिण तरफ और रेलवे अस्पताल के पास से एंट्री
जंक्शन के छह नंबर प्लेटफॉर्म पर आइसोलेशन कोच लगाए गए हैं। यहां जाने के लिए दक्षिण तरफ से और रेलवे अस्पताल के बगल से रेल ट्रैक होते रास्ता बनाया गया है। कोच में रहने वाले सारे संक्रमितों के इलाज व रहने-खाने की व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से ही की जाएगी। डॉक्टर व पारा मेडिकल स्टाफ की तैनाती के लिए सिविल सर्जन करेंगे। रेलवे की तरफ से पानी, बिजली और सुरक्षा की व्यवस्था होगी।