


सौ वर्षों से चली आ रही परंपरा, बाबा मोहनदास के सुझाव पर हुई थी पूजा की शुरुआत
भागलपुर। जिले से सटे कोइली गांव में चैती दुर्गा पूजा परंपरा के अनुसार इस बार भी समय से 10 दिन पूर्व ही संपन्न हो गई। कोइली नवयुवक संघ के बैनर तले आयोजित इस पूजा में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर श्रद्धालुओं ने नौ दिन तक मां की आराधना की। शनिवार को विजयादशमी के साथ प्रतिमा का विसर्जन भी कर दिया गया, जबकि चैती दुर्गा पूजा की आधिकारिक शुरुआत नौ अप्रैल से होनी है।

स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, यह परंपरा पिछले सौ वर्षों से चली आ रही है। मान्यता है कि वर्षों पहले गांव में भयंकर बीमारी फैली थी, जिससे कई लोगों की मौत हो गई थी। तब गांव पहुंचे बाबा मोहनदास ने ग्रामीणों को एक मंदिर बनाकर वैष्णो स्वरूप में मां दुर्गा की पूजा करने की सलाह दी थी। इसके बाद लोगों ने बाबा के मार्गदर्शन में मां की आराधना शुरू की और महामारी से मुक्ति पाई।

इस मंदिर में पशु बलि नहीं दी जाती, जिससे इसकी प्रसिद्धि भागलपुर और आसपास के क्षेत्रों में बढ़ती गई। हर साल हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचकर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं और नवरात्र का व्रत रखते हैं।
मेला प्रबंधक विजय साह ने बताया कि प्रशासनिक स्तर पर स्थानीय पुलिस मेले की सुरक्षा का जिम्मा संभालती है। वहीं, स्थानीय ग्रामीण उमाकांत यादव ने कहा कि इस अनूठी परंपरा को गांव के नवयुवकों ने भी संजोकर रखा है, जिससे यह परंपरा आज भी जीवित है।