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भागलपुर के बूढ़ानाथ इलाके के एक साधारण से मकान में रहने वाले 20 वर्षीय छात्र मयंक कुमार ने एथिकल हैकिंग के जरिए बड़ी कंपनियों और सरकारी वेबसाइट्स में खामियां ढूंढकर उन्हें सुधारने का काम किया है। हाल ही में, मयंक ने बिहार सरकार की वेबसाइट को हैक कर उस पर मौजूद सुरक्षा खामियों को उजागर किया। यह कोई पहला मौका नहीं था, जब मयंक ने साइबर सुरक्षा की दुनिया में अपनी पहचान बनाई हो। इससे पहले, उसने नासा, गूगल, फोन पे और शिक्षा विभाग के एप्स में भी खामियां ढूंढकर संबंधित अधिकारियों को अलर्ट किया था।

मयंक, जिसे लोग साइबर वाला के नाम से जानते हैं, ने अपनी एथिकल हैकिंग की शुरुआत तब की थी जब उसके पास खुद का कंप्यूटर भी नहीं था। लेकिन अपनी मेहनत और लगन से उसने साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में बड़ा नाम कमाया। मयंक ने बताया कि एक बार उसने गूगल में बग पाया था, जिसके बाद गूगल ने उसे सम्मानित करते हुए लैपटॉप और अन्य गिफ्ट भेजे थे। इसके बाद उसने नासा के वेबसाइट पर भी सुरक्षा खामी पाई और उसे सुधारने के लिए अलर्ट किया।

इतना ही नहीं, मयंक ने बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के ‘ई-शिक्षा कोष’ ऐप में भी एक खामी पाई, जिसके जरिए शिक्षक अपनी उपस्थिति घर बैठे बना सकते थे। हालांकि, मयंक ने इसका गलत इस्तेमाल न करते हुए सरकार को इसकी जानकारी दी और सुधार करवाया। हाल ही में, मयंक ने बिहार सरकार के कृषि विभाग के भूमि संरक्षण वेबसाइट में भी खामी पाई और उसे सुधारने में मदद की।

मयंक ने बताया कि उसे साइबर सुरक्षा में रुचि एक फिल्म देखने के बाद हुई थी, जिसमें उसे इस क्षेत्र में करियर बनाने की प्रेरणा मिली। फिलहाल, मयंक रायपुर की कलिंगा यूनिवर्सिटी से बीसीए की पढ़ाई कर रहा है, और उसने अपनी 12वीं की पढ़ाई भागलपुर नेशनल कॉलेज से की थी। मयंक अब बिहार सरकार से एप्रिसिएशन लेटर की उम्मीद करता है ताकि वह आगे भी सरकारी वेबसाइट्स में सुधार करने का काम जारी रख सके।

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