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गांव में प्रारंभिक पढ़ाई पूरी करके कुंदन ने जब शहर की ओर रुख किया तो उसके मन में एक संकल्प और दृढ़ निश्चय वाला सपना था। सपना को कुंदन ने साकार करके दिखाया। कुंदन के बारे में कहा जाता है कि वह पढ़ते समय केवल पढ़ाई पर ध्यान देता था। घर में कोई उत्सव हो या फिर कोई पर्व,वह घर छुट्टी मनाने के लिए नहीं आता था क्योंकि उनका उद्देश्य एकमात्र था सफलता। इसलिए उसने कड़ी मेहनत और लगन के बदौलत सफलता पा लिया। कुंदन ने प्रारंभिक पढ़ाई मध्य विद्यालय बीरबन्ना में किया जो उसके घर के बिल्कुल बगल में है। विद्यालय आज भी है। वह अपने वर्ग में मॉनिटर हुआ करता था।

मॉनिटर होने के बाद वह अपने वर्ग को मॉनिटरिंग करने का भी काम करता था लेकिन उसकी मेहनत ने उसे सफल व्यक्ति बनाकर मंजिल तक पहुंचा दिया। पहली बार में बीपीएससी की परीक्षा पास करके असिस्टेंट प्रोफेसर इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में चयनित हुए। जो कभी अपने वर्ग में छात्रों का मॉनिटर बनता था अब वह सरकारी मॉनिटर बन गया है जो वर्ग में बच्चों को ज्ञान बाटेंगे।

बीरबन्ना गाँव क़े अशोक प्रसाद सिंह और मीरा सिंह का चालीस वर्षीय पुत्र कुंदन कुमार पहले प्रयास में बीपीएससी की परीक्षा पास कर असिस्टेंट प्रोफेसर इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में चयन हुआ है। बिहार में उसका अठवाँ रैंक है। कुंदन की प्रारंभिक पढ़ाई मध्य विद्यालय बीरबन्ना में हुआ। दसवीं तक की पढ़ाई उच्च विद्यालय नारायणपुर में उसने पूरा किया। बीटेक और एमटेक की पढ़ाई उसने जमशेदपुर एनआईटी में किया। एनआईटी पटना से पीएचडी की डिग्री 2022 में हासिल किया। कुंदन ने सफलता का श्रेय पिता अशोक प्रसाद सिंह माता मीरा सिंह, दादा सूर्यमोहन सिंह सोलंकी, दादी मनोरमा देवी को दिया है। कुंदन की सफलता से कृषि सलाहकार ब्रजेश झा, शंकर मंडल, इंटरनेशनल क्रिकेट अंतरराष्ट्रीय कॉमेंटेटर अभिषेक मिश्र सानू आदि ने खुशी व्यक्त किया है।

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