भागलपुर/ निभाष मोदी
राम नाम लिखा पत्थर मिलने के बाद आसपास के लोगों में काफी खुशी का है माहौल, लोग इसे भगवान राम का चमत्कार मान कर रहे हैं पत्थर की पूजा अर्चना
भागलपुर में एक मामला चर्चा का उस वक्त विषय बन गया जब भागलपुर के धोबी घाट से 8 वर्षीय बच्चे ने एक पत्थर को घर लेकर आया, दरअसल खंजरपुर निवासी विजय कुमार पासवान के आठ वर्षीय पुत्र ब्रिगेडियर पासवान गाय का चारा लाने के लिए दियारा जा रहे थे इसी दौरान धोबी घाट के समीप तैरते हुए एक पत्थर को देखा। तभी मासूम बच्चा पत्थर के करीब गया पत्थर को जैसे उठाया तो वह पत्थर बहुत हल्का था जिसमें श्री राम लिखा हुआ था।
तैरते हुए पत्थर में लिखा था श्री राम
वह चमत्कारी श्री राम लिखा हुआ पत्थर को लेकर ब्रिगेडियर पासवान घर पहुंचा जहां पर पत्थर को देखने के लिए आसपास के सैकड़ों लोग ब्रिगेडियर के घर पर पहुंच गए । लोगों के बीच कई तरह की चर्चाएं है। बताया यह भी जाता है कि पत्थर बहुत पुराना है।
चमत्कारी पत्थर की चर्चा पूरे क्षेत्रों में आग की तरह फैली
हालांकि साइंस की माने तो यह एक स्पंज के समान बहुत अधिक छिद्रोँ वाला खुरदरा पत्थर होता है। इसमेँ हवा भरी रहती है बिलकुल स्पंज के समान और इसी कारण इसका घनत्व पानी से कम होता है और यह पानी पर तैरता है लेकिन सवाल यह उठता है कि उस पत्थर पर श्री राम लिखा हुआ है जिससे सनातन धर्म की आस्था बढ़ गई और यह चर्चा पूरे भागलपुर भागलपुर के आसपास के क्षेत्रों में आग की लपटों की तरह फैल गई , इस चमत्कारी श्री राम लिखा हुआ पत्थर के दर्शन करने वालों का तांता लगा हुआ है कोई उसे प्रणाम कर रहे हैं तो कोई उसे हैरत भरी निगाहों से देख रहे हैं तो किसी का कहना हो रहा है यह भगवान श्रीराम का चमत्कार है।
चमत्कारी पत्थर का शुरू हुआ दर्शन व पूजा अर्चना
हालांकि लोगों ने पत्थर पर लिखे श्रीराम को देखते हुए पत्थर की पूजा अर्चना करना भी शुरू कर दी। धीरे-धीरे इस पत्थर की चर्चा पूरे इलाके में इस कदर फैल गई है कि लोग इस अनोखे पत्थर को स्पर्श करने के लिए और एक दर्शन के लिए काफी उत्साहित है, भागलपुर में यह अनोखा पत्थर मिलने के बाद आसपास के लोगों में काफी खुशी देखी जा रही है लोग इसे भगवान श्रीराम का आशीर्वाद मान रहे है।
विजय पासवान के घर चमत्कारी पत्थर को देखने वालों का लगा रहा तांता
वही खंजरपुर के रहने वाले विजय कुमार पासवान ने कहा हमारा 8 वर्षीय पुत्र ब्रिगेडियर पासवान गाय का चारा लाने के लिए गंगा के उत्तरी भाग दियारा जा रहा था इसी दौरान धोबी घाट के समीप नदी में तैरता हुआ पत्थर देखा तो वह उस पत्थर को घर लेकर आ गया उसके बाद जब उस पत्थर को हम लोगों ने पानी में डाला तो वह तैरने लगा बात यहीं खत्म नहीं हुई थी आस्था तब शुरू हुई जब उस पत्थर में श्री राम लिखा हुआ था यह बातें लोगों के बीच जैसे जैसे फैलती गई वैसे वैसे पूरे इलाके के लोग हमारे घर पर आकर इस पत्थर का दीदार कर रहे थे और उन्हें आस्था के रूप में पूजा अर्चना कर रहे थे।