इस साल जर्दालू आम के एक्सपोर्ट की कवायद तेज कर दी गई है। हालिया तैयारी के बाद अब भागलपुर के जर्दालू आम के किसानों से देश के चुनिंदा एक्सपोर्टर की मीटिंग होने जा रही है। इसके लिए एपेडा (कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण) के माध्यम से पहल हो रही है। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार 15 मई तक यह बैठक हो जाएगी। इसके लिए तैयारी की जा रही है। एक्सपोर्टर के साथ किसानों की बैठक के दौरान एक्सपोर्ट से जुड़ी तमाम जानकारियां दी जाएगी। कहां से माल की शिपिंग होगी और कैसे क्वालिटी जांच करायी जाएगी, तमाम बातों पर चर्चा की जाएगी।
आत्मा के उप परियोजना निदेशक प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि कृषि उत्पादों के एक्सपोर्ट के पहली जरूरत है कि एपेडा के माध्यम से किसानों का रजिस्ट्रेशन हो। इसके लिए एपेडा के फार्म रजिस्ट्रेशन एप पर किसानों का रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है। वैसे जर्दालू आम किसान जिनके पास 25 से अधिक पेड़ हैं उनका रजिस्ट्रेशन इस एप पर कराया जा रहा है। अब तक 62 किसानों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। अगले कुछ दिनों में यह संख्या और बढ़ जाएगी। इधर आम की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए इस बार फ्रूट कैपिंग भी कृषि विभाग द्वारा कराये जाने की तैयारी है। फ्रूट कैपिंग से आम पर ओला वृष्टि और कीट व्याधियों का असर नहीं होता है। इसका फायदा यह होगा कि एक्सपोर्ट क्वालिटी का आम तैयार हो सकेगा। कृषि विभाग के अधिकारी बताते हैं कि एक्सपोर्ट क्वालिटी के आम की पहली शर्त है कि यह पूर्ण रुपेण जैविक होना चाहिए। इसपर कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। इसके लिए पहले ही जर्दालू आम उत्पादक किसानों को प्रशिक्षण दिया गया है। कृषि अधिकारियों का कहना है कि रासायनिक कीटनाशक का इस्तेमाल होने पर एक्सपोर्ट के लिए उत्पादों का चयन नहीं होता है। क्योंकि अमेरिका, यूएई समेत वैसे देश जो भागलपुर से आम का आयात करते हैं वहां रासायनिक कीटनाशक के इस्तेमाल वाले आम स्वीकार नहीं किए जाते हैं। इसका उपभोग करने वाले वहां के नागरिकों के सेहत पर कोई बुरा प्रभाव न पड़े।