रिपोर्ट: निभाष मोदी, भागलपुर
भागलपुर के नाथनगर निवासी अलका झा के यहाँ बचपन से रह रहे मनीष नित नए नए कारनामे कर सबको चौंका रहे हैं। दरअसल मनीष ने वेस्ट पड़े कागजों व पेपरों से तरह तरह की कलाकृति बना रहे हैं। स्वर्ण मंदिर, जामा मस्जिद, स्थानीय मन्दिर, तरह तरह के कैक्टस को पेपर को गलाकर हूबहू बना डाला है। उनके कलाकृति के लिए यूएसए से अब तक पाँच ऑर्डर मिल चुके हैं। मनीष बताते हैं कि बचपन से उनके अंदर कुछ अलग करने की चाहत थी। सर से पिता का साया उठ गया तो अलका झा और चिंतन झा ने उसे पाला यहाँ उसे माहौल भी मिला जिससे वो वेस्ट पेपर से तरह तरह की कलाकृतियों व घर मे शोभा की वस्तु को बना रहे हैं। मनीष ने बताया कि 15 साल से वो कलाकृतियों को बना रहे हैं।
बचपन मे पेपर से पत्ते बनाते थे तो लोगों ने भी सराहा। उसके बाद अलग अलग कलाकृति बनाते गए। अब पेपर से कुछ भी बना सकते हैं
मनीष जब चार वर्ष के थे तो पिता का निधन हो गया। माँ भी मानसिक रूप से बीमार रहने लगी। इसके बाद नाथनगर में चिंतन झा ने मनीष को अपने घर मे रखा। चिंतन झा की पत्नि अल्का झा भी इससे बहुत खुश थी। अलका झा ने बताया कि बचपन से ही ये कागज से तरह तरह की कलाकृतियों को उकेड़ते थे। और अब वो अनवरत मेहनत कर कई कलाकृतियों को पेपर को गलाकर बनाया। उन्होंने कहा कि महज 4 साल की उम्र का था तो मनीष के पिता की मृत्यु हो गयी थी। सास ने उसे यहाँ रखा तब से यहीं है और हर रोज कुछ न कुछ वो नया कर रहा है।