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भागलपुर : लॉक डाउन अवधि में केंद्र और बिहार सरकार ने राशन कार्डधारी को मुफ्त में खाद्यान्न देने की बात कही। दिया भी जा रहा है। राशन कार्डधारी परिवार के प्रत्येक सदस्य को 5 किलो चावल और 5 किलो गेहूं दिया जा रहा है। लेकिन जरा ठहरिये…पीडीएस के माध्यम से दिए जा रहे अनाज में जो चावल बांटा जा रहा है, वह अरबा चावल है।

जो कोई भी गरीब गुरबा नहीं खाता है। बल्कि उस अरबा चावल को बाजार के दुकानदारों को 16 रुपए प्रति किलो के दर से बेचकर 32 रुपए किलो उसना चावल खरीदकर घर ले जाता है। पीडीएस दुकानदार कहता है कि सरकार द्वारा जिस अनाज की आपूर्ति बांटने के लिए होती है वही दे रहे हैं।

जबकि लाभुक कहते हैं कि हमलोग घर में उसना चावल खाते हैं। घर का कोई सदस्य अरबा चावल खाना नहीं चाहता है। पूरे प्रकरण को भागलपुर के कांग्रेस विधायक सह कांग्रेस विधायक दल के नेता अजित शर्मा बड़ी गंभीरता से ले रहे हैं .

और बिहार सरकार से अनुरोध कर रहे हैं कि आपातकाल में गरीबों को खाने लायक अनाज उपलब्ध कराएं। जो चावल वे खाते नहीं, उसे बांटने का क्या मतलब।

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