


भागलपुर : कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार और जिला प्रशासन, भागलपुर के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय मंजूषा महोत्सव का आज शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन अपर समाहर्ता (आपदा) कुंदन कुमार, मंजूषा गुरु मनोज पंडित, मंजूषा कलाकार उलूपी झा और अमन सागर ने संयुक्त रूप से किया।
महोत्सव में स्थानीय कलाकारों द्वारा लोककला पर आधारित एक से बढ़कर एक चित्र प्रदर्शनी लगाई गई है। उद्घाटन के बाद अपर समाहर्ता कुंदन कुमार ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि मंजूषा कला को एक मजबूत बाजार की जरूरत है, ताकि कलाकारों को उनके हुनर का उचित मूल्य मिल सके।
मंजूषा गुरु मनोज पंडित ने बताया कि मंजूषा भारत की लोककलाओं में एकमात्र ऐसी कला है, जिसमें कहानियों को क्रमिक और श्रृंखलाबद्ध रूप से चित्रित किया गया है। यह कला अंग प्रदेश, यानी वर्तमान भागलपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों की समृद्ध लोककला है।

महोत्सव में कला प्रेमियों की बड़ी संख्या में उपस्थिति देखी गई। आयोजकों ने उम्मीद जताई कि इस आयोजन से मंजूषा कला को नई पहचान मिलेगी और कलाकारों को प्रोत्साहन मिलेगा।
