पर्यावरण संरक्षण के लिए भागलपुर एक बार फिर विश्व रिकॉर्ड बनाया, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम जल्द करेगी घोषणा
अर्जित चौबे के नेतृत्व में होनेवाले कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद सहित अनेक मंत्री, सांसद, विधायक व विशिष्ट अतिथि पहुंचे ऐतिहासिक मैदान लाजपत पार्क मे
निभाष मोदी, भागलपुर।
भारतीय नव वर्ष 2079 के शुभ अवसर पर भागलपुर में भारतिय नववर्ष आयोजन समिति के मुख्य संरक्षक अर्जित शाश्वत चौबे के नेतृत्व में स्थानीय चित्रकारों द्वारा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का विश्व का सबसे बड़ा चित्र झांकी स्थानीय कुम्हारों एवं शिल्पकारों व कलाकारों द्वारा मिट्टी के रंग बिरंगे दीपक बनाकर उसे धरती पर उतारा गया ।जो 8 हज़ार वर्ग फिट का है और एक विश्व रिकॉर्ड भी बनाया गया, जिसके लिए चेन्नई से वर्ल्ड रिकार्ड यूनियन का दल भागलपुर पहुँच कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के तहत उसकी बारीकियों पर निरीक्षण कर ली है जल्द इसकी घोषणा की जायगी। इस कार्यक्रम में भागलपुर के अनेक स्वयंसेवी संस्था,धार्मिक–आध्यात्मिक संस्था और विभिन्न क्षेत्रों के स्थानीय लोगों ने भाग लिया।
भागलपुर का ऐतिहासिक लाजपत पार्क मैदान में हजारों हजार की संख्या में लोग श्रीराम की दीपक से बनी मूर्ति का दर्शन करने आए। यह दृश्य काफी मनमोहक और आकर्षक था। कार्यक्रम के दौरान लोकल फोर वोकल के तर्ज पर स्थानीय कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में भजन की प्रस्तुति देकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उसके बाद लाखों दीप को प्रज्वलित कर मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि के साथ सामूहिक रूप से शहरवासियों ने भी भव्य आरती किया।
कार्यक्रम में केंद्र और बिहार सरकार के अनेक मंत्री ,सांसद, विधायक एवं विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति रही। जिसमें केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, कला एवं संस्कृति खेल मंत्री डॉक्टर आलोक रंजन, भूमि एवं राजस्व मंत्री रामसूरत राय, वन एवं पर्यावरण मंत्री नीरज सिंह बबलू सहित अन्य गणमान्य अतिथि शामिल थे।
मुख्य संरक्षक अर्जित शाश्वत चौबे ने बताया कि “यह कार्यक्रम अनूठा और ऐतिहासिक हुआ जिसमे पर्यावरण संरक्षण के लिए विश्व रिकार्ड बना। लाजपत पार्क भागलपुर में शाम 04 बजे से रात्रि के 11 बजे तक चलता रहा। इस कार्यक्रम की तैयारी में अनिल कुमार ताती के निर्देशन में 25 से 30 कलाकार, शिल्पकार, स्वयंसेवक और कार्यकर्ता पिछले 7 दिनों से लगातार जी–जान से लगे हुए थें।
इस कार्यक्रम के माध्यम से भागलपुर विश्व रिकॉर्ड बनाएगी जिससे विश्व मानचित्र पर भागलपुर का नाम सुनहरे अक्षरों में अंकित होगा”।