5
(2)

भागलपुर/निभाष मोदी,

भागलपुर,नाथनगर| एक फिल्म का मशहूर डायलॉग है कि भगवान का भरोसा मत बैठिए क्या पता भगवान भी आपके भरोसे बैठा हो, क्या आज के परिस्थिति में हम यह कह सकते हैं कि सरकार के भरोसा मत बैठिए सरकार आपके भरोसा बैठी हो, क्योंकि इसे चरितार्थ किया है 17 साल के बच्चे ने, अपने छोटे भाई के स्कूल की दुर्दशा को देखकर उसने किसी के भरोसे बैठना सही नहीं समझा,हाथ में लकडी ली, और लकड़ी को माइक समझा और माइक के सहारे अपनी रिपोर्ट को तैयार कर दी, और वो सबके सामने रख दी !

Vo1- जिला मुख्यालय से महज पन्द्रह किलोमीटर दूरी पर अवस्थित नाथनगर के भतोरिया पंचायत के मध्य विद्यालय स्कूल की बदहाली की तस्वीर 17 वर्षीय सौरभ ने सिस्टम से सवाल पूछते हुए सबके सामने रख दी, मध्य विद्यालय भतोरिया स्कूल की बदहाली देख आप दंग रह जाएंगे, विद्यालय में करीब 700 बच्चे नामांकित है, लेकिन विद्यालय की तस्वीर सिस्टम पर सवाल खड़ा करता है ,और इसको चरितार्थ सौरभ सुमन ने कर दिया है, मुख्यमंत्री और स्कूल के प्रधानाचार्य से सवाल पूछते यह सौरभ सुमन उसी गांव का निवासी है जिस गांव मे यह स्कूल स्थित है, सौरभ सुमन के छोटे भाई मध्य विद्यालय भतोरिया स्कूल में पढ़ाई करता है और स्कूल की बदहाली को देख सौरभ सुमन किसी की भरोसा रहना सही नहीं समझा और आनन-फानन में वहां लकड़ी ली और उसे माइक समझा और माइक से सिस्टम पर सवाल खड़ा कर दिया, जिसका वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है!

Vo2- बदहाली की तस्वीर सबके सामने लाना सौरभ सुमन को भारी तो नहीं पड़ गया क्योंकि उनको गांव के ही कुछ लोगों ने कई प्रकार की दवाब बनाया, लेकिन सौरभ सुमन यूं ही डटा रहा क्योंकि सच्चाई सबके सामने होना जरूरी है, बदहाली की तस्वीर जिस स्कूल से सौरभ सुमन ने अपने कैमरे में कैद किया, खुद रिपोर्ट तैयार किया उस स्कूल से सौरभ सुमन खुद पढ़ाई की है, लेकिन बदहाली की तस्वीर देख सौरभ सुमन सही नहीं समझा और उन्होंने यह तस्वीर सबके सामने रख दी !

Vo3- लकड़ी के माइक के सहारे उन्होंने मध्य विद्यालय भतोरिया के उस तस्वीर को दिखाया, जिस तस्वीर ने सिस्टम पर भी सवाल खड़ा कर रहा है, हालांकि बताया यह भी जाता है सौरव सुमन की रिपोर्टिंग के बाद कुछ अधिकारी भी वहां जांच के लिए पहुंचे, लेकिन जांच सिर्फ कागज में ही सीमित रह गया, बल्कि जमीनी स्तर पर सौरभ सुमन की रिपोर्टिंग और बदहाली की वही स्थिति दिख रही है,

गांव के कुछ बुद्धिजीवी लोगों ने सौरव सुमन की जमकर तारीफ की तो कई लोगों ने सौरव सुमन पर दवाब भी बनाया, सौरभ सुमन ने सिस्टम पर सवाल खड़ा करते हुए स्कूल के प्रधानाचार्य पर भी आरोप लगाया कि आखिरकार सरकारी फंड जाता कहां है? उन्होंने अपने रिपोर्टिंग में यह भी कहा है कि आखिरकार शौचालय की स्थिति सही नहीं होने के कारण लड़कियां दूरदराज जाते हैं और लड़कियों के साथ अनहोनी घटना भी होते रहता है, आखिरकार इस पर प्रधानाचार्य क्यों नहीं एक्शन लेते हैं, स्कूल के बदहाली ही नहीं बल्कि उन्होंने मध्यान्ह भोजन में मिलने वाले समान पर भी सवाल खड़ा किया और बदहाली की तस्वीर सामने लाकर सुशासन की दावे पर तीर चलाया !

V04- 17 वर्षीय सौरभ सुमन जिस तरह से स्कूल की बदहाली की तस्वीर सबके सामने रखी, ऐसे में जरूरत है प्रशासन और सरकार को इस स्कूल पर ध्यान देने की, जरूरत है देश में ऐसे सौरभ सुमन की जिन्होंने खुद अपने भाई के स्कूल की बदहाली को देखना सका और उन्होंने छोटी उम्र में बड़ा कारनामा कर दिया, बरहाल स्कूल की बदहाली कब सुधरेंगे या तो देखना शेष होगा!

Aapko Yah News Kaise Laga.

Click on a star to rate it!

Average rating 5 / 5. Vote count: 2

No votes so far! Be the first to rate this post.

Share: