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एक बार फिर भागलपुर जिले को कृषि के क्षेत्र में एक नई उपलब्धि मिली है, दरअसल बिहार आज गौरवान्वित महसूस कर रहा है क्योंकि कृषि विश्वविद्यालय सबौर से जुड़े किसानों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा सम्मान मिला है, यह सम्मान पौधा, किस्म और कृषक अधिकार संरक्षक प्राधिकरण द्वारा दिल्ली में हो रहे तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में मिला जिसका उद्घाटन महामहिम राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू के द्वारा किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्वारा देश के विभिन्न प्रांतो से आए किसानों को पादप जीन संरक्षक पुरस्कार समारोह में 6एफपीओ ग्रुप के फार्मर तथा 19 व्यक्तिगत किसानों को सम्मानित किया गया। इसमें बिहार से दो ग्रुप लीची फार्मर्स ग्रोवर समूह तथा भागलपुरी कतरनी धान किसान संघ को सम्मानित किया गया इसमें किसानों के ग्रुप फार्मर्स को 10 लाख रुपए तथा व्यक्तिगत किसानों को एक-एक लाख रुपए का पुरस्कार तथा प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया गया, साथ ही साथ व्यक्तिगत किसानों में जमुई से अर्जुन मंडल को औषधीय पौधों की खेती का संरक्षण करने हेतु, मुंगेर से आए सत्यदेव सिंह को चना, तीसी प्रवेद के संरक्षण हेतु, रोहतास जिले से आए दो किसान दिलीप कुमार सिंह को.

बैगन, टमाटर ,करेला एवं धनिया के सफेद प्रबेद को संरक्षित करने तथा अर्जुन सिंह को चावल, हल्दी एवं लौकी के संरक्षण हेतु पुरस्कार से नवाजा गया इस अवसर पर राष्ट्रपति ने किसानों को अन्न दाता कहकर संबोधित किया, उन्हीने कहा कि बिना अन्न के यह तन भी नहीं रह पाएगा। किसान हमारे देश एवं दुनिया के धरोहर है। इसमें कुल लगभग देश-विदेश से आए हुए 500 प्रतिनिधि एवं किसानों ने भाग लिया इस अवसर पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ डी आर सिंह भी उपस्थित होकर सम्मानित किसानों को शुभकामनाएं दी, तथा उनका मान बढ़ाया, उन्होंने सम्मानित किसानों को कहा की विश्वविद्यालय हमेशा उनके अधिकारों और सम्मान को आगे बढ़ता रहेगा ।

इस कार्यक्रम और सम्मानित किसानों को लेकर बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के निदेशक प्रसार शिक्षा डॉक्टर आर के सुहाने ने बताया कि ऐसे बीज जो पुराने होते हैं और उनका एक अलग महत्व होता है, इन्हें कई पीढियां से लोग संरक्षित करते चले आते हैं इन बीजों को हम लोग प्राधिकरण को भेजते हैं और उसी कड़ी में हमारे चार किसानों को सम्मान्ति किया गया, साथ ही साथ भागलपुर का मशहूर GI टैग प्राप्त कतरनी धान व मुजफ्फरपुर के शाही लीची को भी सम्मानित किया गया है। कुलपति डॉक्टर दुनिया राम सिंह के निर्देशन में सभी किसानों ने सम्मान के लिए रजिस्ट्रेशन किया था और अब विश्वविद्यालय को बड़ी सफलता हाथ लगी है और हम सभी इसके लिए गौरवान्वित है। इस तरह के सम्मान मिलने से किसानों का मनोबल और बढ़ेगा और BAU सबौर के सफल और सार्थक प्रयास से खेती के क्षेत्र में नई क्रांति भी आएगी।

इस कार्यक्रम और सम्मानित किसानों को लेकर बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के निदेशक प्रसार शिक्षा डॉक्टर आर के सुहाने ने बताया कि ऐसे बीज जो पुराने होते हैं और उनका एक अलग महत्व होता है, इन्हें कई पीढियां से लोग संरक्षित करते चले आते हैं इन बीजों को हम लोग प्राधिकरण को भेजते हैं और उसी कड़ी में हमारे चार किसानों को सम्मान्ति किया गया, साथ ही साथ भागलपुर का मशहूर GI टैग प्राप्त कतरनी धान व मुजफ्फरपुर के शाही लीची को भी सम्मानित किया गया है। कुलपति डॉक्टर दुनिया राम सिंह के निर्देशन में सभी किसानों ने सम्मान के लिए रजिस्ट्रेशन किया था और अब विश्वविद्यालय को बड़ी सफलता हाथ लगी है और हम सभी इसके लिए गौरवान्वित है। इस तरह के सम्मान मिलने से किसानों का मनोबल और बढ़ेगा और BAU सबौर के सफल और सार्थक प्रयास से खेती के क्षेत्र में नई क्रांति भी आएगी।

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