नशे की लत में बच्चे कुछ भी करने को तैयार, शराब नहीं मिलने पर बच्चे सुलेशन सूंघ कर चला रहे अपना काम
रिपोर्ट:-निभाष मोदी ,भागलपुर।
भागलपुर,कहां जाता है बच्चे ही भारत के भविष्य है ,वही सच्चा राष्ट्र निर्माण कर सकते हैं परंतु भागलपुर में कुछ ऐसे बच्चों का गैंग भी है जो सिर्फ और सिर्फ नशे में धुत रहते हैं, उन बच्चों का काम ही है सिर्फ और सिर्फ नशे के आगोश में दिन रात पड़े रहना।
ताजा मामला भागलपुर के रेलवे स्टेशन के समीप का है। बताते चलें कि बिहार में शराबबंदी है और नशा करने करने वाले नशेड़ी शराब नहीं मिलने के कारण नशा के लिए दूसरे अन्य विकल्प का उपयोग कर रहे हैं।अब छोटे-छोटे बच्चे भी शराब के दूसरे अन्य विकल्प के चंगुल में फंस रहे हैं।इतना ही नहीं नशे के आदि ये बच्चे न केवल नशा का ही बल्कि खून तक का सौदा करते हैं। शराबबंदी के बाद अब नशे के दूसरे विकल्प की ओर लगातार युवा पीढ़ी बढ़ रहे हैं।अब नशेड़ी, कफ़ सिरप, स्मैक,ब्राउन शुगर सहित दूसरे अन्य विकल्प का इस्तेमाल करने लगे हैं।नशे के आगोश में छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल हो रहे हैं और नशे के लिए सनफिक्स जैसे एडहेसिव सॉल्यूशन का इस्तेमाल करते हैं।सनफिक्स का नशा के लिए ये छोटे-छोटे बच्चे चोरी तक के घटना को अंजाम देने से नहीं चूकते।भागलपुर रेलवे स्टेशन के परिसर में ऐसे बच्चों का गैंग है,जो
नशे के इन विकल्पों के इस्तेमाल कर एक से बढ़कर एक क्राइम को अंजाम दे रहे हैं।इतना ही नहीं ये बच्चे खून का सौदा भी करते है और खून के लिए दूसरे अन्य जिला तक पहुंच जा रहे हैं।
इस विषय पर मीडिया से बात करते हुए डॉ आनंद सिन्हा ने बताया कि
नशे के दूसरे अन्य विकल्पों का इस्तेमाल शरीर मे काफी हानि पहुंचाता है।शरीर की न केवल प्रतिरोधात्मक क्षमता का
ह्रास करता है,बल्कि नर्व्स सिस्टम को भी नुकसान पहुंचाता है, इसके ज्यादा सेवन करने से मौत तक हो
जाती है। डॉ आनंद सिन्हा ने यह भी कहा कि बच्चे राष्ट्र के भविष्य हैं क्योंकि आज के ही बच्चे कल बड़े होकर राष्ट्र निर्माण में भूमिका का
निर्वहन करेंगे।लेकिन जिस कदर नशे के आगोश में ये बच्चे उन्मुख हो रहे हैं।वह चिंतनीय है। जरूरत है ऐसे बच्चों को समाज के मुख्यधारा में जोड़े जाने की। सही मार्गदर्शन दिखाने की।