वक्ताओं ने ऋषि एवं कृषि के सामंजस्य का जमकर किया बखान
भागलपुर, आगमनंद जी महाराज की अध्यक्षता में भागलपुर तिलकामांझी स्थित कृषि भवन में एक भारतीय संस्कृति के मूल तत्व ऋषि एवं कृषि विषयों पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में स्वागतकर्ता के रुप में डॉ० डी आर सिंह, मुख्य अतिथि के रूप में डॉ० पी के सिंह, विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ विनोद कुमार, डॉ सुनील कुमार, गीतकार राजकुमार के अलावे प्रभात कुमार सिंह दिलीप शास्त्री एवं आत्मा परिवार मौजूद थे .
यह कार्यक्रम भागलपुर कृषि कार्यालय भवन के आत्मा परिसर में आयोजित की गई ,कार्यक्रम के निवेदक के रूप में जागृति युवा समिति ने इसमे बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था भारत के संस्कृति के मूल तत्व ऋषि एवं कृषि किस प्रकार एक दूसरे से सामंजस्य बनाए और किस प्रकार इसे ऊंचाई पर ले जाया जाए जिससे जन कल्याण एवं देश कल्याण में इसकी उपयोगिता सार्थक सिद्ध हो साथ ही इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे स्वामी आत्मानंद ने कहा कि हमें देश की.
तरक्की चाहिए तो हमें ऋषि और कृषि दोनों को एक साथ लेकर आगे बढ़ना होगा तभी हम विश्व गुरु की ओर अग्रसर हो पाएंगे साथ ही उन्होंने कहा आज की युवाओं को भी कृषि पर ध्यान देने की जरूरत है साथ ही साथ आज के युवाओं को सनातन परंपरा पर और अपने सभ्यता संस्कृति पर ध्यान देने की जरूरत है उन्होंने सनातन धर्म में भी ऋषि और कृषि किस प्रकार एक दूसरे के पूरक थे इस विषय पर प्रकाश डाला उन्होंने कहा सनातन धर्म को हम ही अग्रसर कर सकते हैं तभी हमारा सनातन धर्म सुरक्षित रह पाएगा इसके लिए हमें ऋषि और कृषि दोनों पर बराबर ध्यान देना होगा तब संभव है कि हम पूरे विश्व में विश्व गुरु बन पाए।