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निकेश हत्याकांड ——-

भवानीपुर में वैसी पंचायत की मुखिया गुड़िया देवी के देवर निकेश यादव हत्या कांड में मृतक के भाई भवानीपुर निवासी कुमोदी यादव के लिखित बयान पर शातिर ब्रिजेश यादव, राजेश यादव समेत अन्य को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। नवगछिया एसपी सुशांत कुमार सरोज द्वारा गठित एसआईटी ने कांड के नामजद आरोपी
भवानीपुर निवासी राजेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है।जबकि हत्याकांड के मामले में ब्रजेश की गिरफ्तारी के लिए पुलिस संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रही
है। इधर पुलिस ने बाइक सवार तीन अपराधियों की पहचान के लिए घटना स्थल के आसपास के सीसीटीवी
फुटेज को खंगाल रही है।
बीते 2 माह में नवगछिया पुलिस जिला अंतर्गत जितनी भी हत्याएं हुई है लगभग सभी घटनाओं में गोली मारी गई है। रंगरा, गोपालपुर, ढोलबज्जा और नवगछिया थाना क्षेत्र अंतर्गत हुए सभी वारदात में सबसे बड़ा कारण पुरानी रंजिश हीं उभरकर सामने आया है। जिसे पीड़ित व्यक्ति के साथ-साथ नवगछिया पुलिस भी इस बात को स्वीकार करती है। जल्द ही बदला लेने की बात कर रहे हैं लोग।

हत्या के 3 दिनों के बाद भी निकेश यादव के परिवार के लोग के लोग सदमे में है। तो वही गांव में चर्चा है कि निकेश यादव के भाई कुमोदि यादव जिसका पिछले दो दशकों से अपराध से चोली दामन का रिश्ता रहा है। एक बार फिर खूनी इंतकाम को जल्द ही अंजाम देंगे। कुमोदि यादव अपने भाई के हत्यारे को ज्यादा दिन इस तरह खुले में घूमने नहीं देंगे। अगर जल्द ही नवगछिया पुलिस हत्या में शामिल सभी अपराधियों को गिरफ्तार नहीं करती है तो इसमें कोई दो राय नहीं कि आपसी रंजिश की लड़ाई में और कितनी लाशें गिरेगी जिसका किसी को अनुमान नहीं है।


आपको बता दें कि नवगछिया पुलिस जिला अंतर्गत गोपालपुर थाना क्षेत्र के करारी तीनटंगा में रामजतन यादव की गोली मारकर घायल करने के बाद, व गोपालपुर थाना क्षेत्र के गोसाई गांव के राजाराम यादव की एनएच 31 लक्ष्मी होटल के समीप दिनदहाड़े हथियारबंद अपराधियों के द्वारा एवं ठीक इसी अंदाज में 2 दिन के बाद ही निकेश यादव का तीन हथियारबंद अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। लोगों के बीच चर्चा है कि दोनों हत्याकांड में अपराध करने का तरीका एक जैसा हीं है। हो सकता है कि दोनों हत्याकांड में एक ही अपराधी ने घटना को अंजाम दिया हो। फिलहाल नवगछिया पुलिस हत्याकांड के मामलों की गुत्थी सुलझाने में लगी हुई है। परंतु नवगछिया पुलिस हत्या की घटनाओं की गुत्थी सुलझाने में अब तक असफल साबित हो रही है। अधिकांश घटनाओं में पुलिस आज तक सिर्फ अनुसंधान ही कर रही है। घटना का पटाक्षेप कब किया जाएगा कुछ कहा नहीं जा सकता है। लिहाजा हत्याकांड के सभी पीड़ित परिवार आज भी भय के साए में सिसक सिसक कर जिंदगी बिता रहे हैं। लोग डरे सहमे हुए हैं कि हत्याओं के इस दौर में अगली बार किसकी?

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