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भागलपुर।कुछ कर गुजर जानें का जज़्बा अगर दिल में हो तो मुश्किल राहें भी आसान नज़र आने लगती है, कौन कहता है मेहनत करने से मुकाम हासिल नहीं होता, इच्छा शक्ति अगर हो तो बड़े से बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है। ऐसे ही दृढ़ संकल्प के साथ बिहार का एक युवक अपनी बुलेट मोटरसाइकिल से मिलों की दूरी तय करता है। कहते हैं राजा महाराजाओं के दौर बड़ी से बड़ी दूरी यूंही तय कर ली जाती थी। ठीक उसी भांति अररिया जिले के रहने वाले रविकांत अपनी बुलेट मोटरसाइकिल से मिलों की दूरी तय कर रहे हैं। अपनी फटफटिया बुलेट लेकर जब रविकांत सड़कों पर निकलते हैं उन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट जाती है। जगदीश प्रसाद भगत के द्वितीय पुत्र रविकांत का बचपन से ही राइडिंग करने का सपना रहा है, और वह मोटरसाइकिल से ही देश के अलग-अलग हिस्सों में जाते हैं।

उन्होंने बताया कि वह एक व्यापारिक परिवेश से तालुकात रखते हैं हालांकि काम के बाद खाली समय में उन्हें राइडिंग करना काफी ज्यादा पसंद है उन्होंने कहा कि विगत 10 वर्षों से वह दो पहिया वाहन से राइडिंग कर रहे हैं और देश के दूरदराज वाले इलाकों में खुद से ही गाड़ी चला कर जाते हैं। जिसकी शुरुआत उन्होंने पहले साइकिलिंग से की थी रविकांत ने बताया कि वह अपनी बुलेट से एक बार में सर्वाधिक 15000 किलोमीटर तक का सफर कर चुके हैं। जिसमें से दो बार उन्होंने अररिया से लद्दाख तक गए हैं। उन्होंने बताया कि अमूमन वह अकेले ही सफर करना पसंद करते हैं हालांकि एक बार अपनी पत्नी के साथ बुलेट पर लद्दाख जाने का अवसर प्राप्त हुआ था।

रविकांत का कहना है कि राइटिंग तो सब करते हैं लेकिन इसके साथ उनका एक मकसद भी जुड़ा हुआ है वह देश के भीतर चल रहे सभी सकारात्मक मुद्दों को बढ़ावा देना चाहते हैं। इसी को लेकर कहा कि पिछली बार वे सिलीगुड़ी गए थे जहां उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को बढ़ावा देने की अपील की थी। सफर को लेकर होने वाली समस्याओं को लेकर जब हमने पूछा तो रविकांत ने कहा कि शुरुआत के दिनों में चुनौतियां तो काफी सामने आई दूरदराज जाने में थोड़ा भय भी लगा लेकिन अपने इस शौक को पूरा करने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी उन्होंने बताया कि जब वह अपनी मॉडिफाइड बुलेट से कहीं के लिए निकलते हैं तो उन्हें रास्ते बदलते ही भिन्न भिन्न प्रकार के लोग मिलते हैं जिनसे मिलकर उन्हें काफी अनुभव और प्रेरणा भी मिलती है।

अनेकों जगह जाने के कारण वह उस इलाके की समस्या को भी भली-भांति समझ पाते हैं। रविकांत ने बताया कि वाह पूरे देश का भ्रमण अपनी बुलेट से करना चाहते हैं। उन्होंने अपने बुलेट को एक अनोखी तरह से मॉडिफाई कराया है,और जब उन्होंने बुलेट को भागलपुर के तिलकामांझी चौक पर रोका तो उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई। रविकांत की बुलेट जरूरत के अनुसार तमाम उपकरणों से लैस है साथ ही ऊपर एक छतरी भी लगी हुई है। इसके पीछे का कारण उन्होंने बताया कि दूरदराज सफर करने में तमाम तरह के जरूरत के सामान की आवश्यकता पड़ती है उन्होंने यह सारी व्यवस्थाएं अपनी मोटरसाइकिल में कराई है। अब वह भागलपुर से दक्षिण भारत तक का सफर तय करेंगे।

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