


कृषि उद्यमिता से समृद्ध किसान” पर आधारित मेला आकर्षित करता है, जीआई टैग प्रोडक्ट्स से लेकर स्टॉल्स की भरमार
कृषि संबंधित पुस्तकों का विमोचन, विशिष्ट किसान व वैज्ञानिकों का हुआ सम्मान
भागलपुर, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में 11 और 12 मार्च को दो दिवसीय बिहार किसान मेला सह बागवानी एवं पशु प्रदर्शनी का आयोजन हुआ। इस भव्य कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार के कुलाधिपति और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने किया। इस अवसर पर भागलपुर सांसद अजय मंडल, गोपालपुर विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ़ गोपाल मंडल और विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर डी आर सिंह भी उपस्थित थे।

कार्यक्रम का मुख्य विषय “कृषि उद्यमिता से समृद्ध किसान” था। इस मेले में जीआई टैग वाले उत्पादों से लेकर मोटे अनाज, मशरूम, कतरनी धान, केला, फल, सब्जी, फूल, मछली पालन, बकरी पालन, दलहन, तिलहन, शहद और मखाना जैसे विभिन्न कृषि उत्पादों के स्टॉल लगाए गए थे। इन स्टॉल्स ने आगंतुकों का ध्यान आकर्षित किया और उन्हें आकर्षित करने में सफल रहे। इस दौरान राज्यपाल ने किसान मेले के स्टॉल्स का निरीक्षण किया और उनकी सराहना की।
कार्यक्रम में कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर डी आर सिंह ने सभी उपस्थित लोगों का स्वागत किया और उन्हें पुष्प गुच्छ, अंग वस्त्र और मोमेंटो प्रदान किए। साथ ही, इस अवसर पर कृषि से संबंधित पुस्तकों का विमोचन किया गया। नाबार्ड द्वारा समर्थित क्षेत्रीय भौगोलिक संकेत (जीआई) सुविधा केंद्र का भी उद्घाटन किया गया।

कार्यक्रम के उद्घाटन के बाद, महामहिम राज्यपाल ने सभा को संबोधित किया और किसानों की मेहनत की सराहना की। उन्होंने कहा, “हमारे किसान मेहनती हैं और उन्हें सहारा देने के लिए ऐसे कृषि विश्वविद्यालयों की आवश्यकता है, जो किसानों को विभिन्न तकनीकों से परिचित कराते हैं, जैसे मखाना की खेती, कतरनी चावल, जर्दालू आम, मशरूम, और मत्स्य पालन।” राज्यपाल ने यह भी कहा कि कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलना चाहिए, ताकि किसानों को अपने उत्पादों को सही मूल्य मिल सके और खाद्यान्न की कोई कमी न हो।
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातों का हवाला देते हुए कहा कि कृषि विश्वविद्यालय इस दिशा में कार्य कर रहा है, ताकि किसान अधिक समृद्ध बन सकें।
