बिहार में कोरोना की भयानक स्थिति और स्वास्थ्य कर्मी का हड़ताल पर जाना मुनासिब नहीं कॉन्ट्रैक्ट पर कार्य करने वाले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के स्वास्थ्यकर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को पटना हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने उन्हें तुरंत ही काम में लौटने का आदेश दिया है। साथ ही 27 अगस्त से जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने पर भी रोक लगा दिया है l अब डॉक्टरों एवं स्वास्थ्यकर्मियों के हड़ताल पर जाने का मामला गैरकानूनी होगा।
कोरोना काल में डॉक्टर या स्वास्थ्य कर्मी का हड़ताल पर जाना गलत
मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश एस कुमार की दो सदस्यीय खंडपीठ ने साफ तौर पर कहा कि कोरोना महामारी के भयंकर संकट को देखते हुए डॉक्टर या स्वास्थ्य कर्मी का हड़ताल पर जाना गलत होगा। कोर्ट ने राज्य के डॉक्टरों की आगामी 27 अगस्त से होने वाली हड़ताल पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही कोरोना की गंभीरता को देखते हुए 23 अगस्त से हड़ताल पर गए स्वास्थ्य सेवा के कर्मचारियों को हड़ताल खत्म कर ड्यूटी पर योगदान करने का आदेश दिया है।
बातें मनवाने के लिए हड़ताल पर जाना चाहते हैं स्वास्थ्यकर्मी
महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि एक तरफ कोरोना की गंभीर समस्या है, तो दूसरी तरफ स्वास्थ्यकर्मी अपनी बातों को मनवाने के लिए हड़ताल पर जाना चाहते हैं l इसी तर्ज पर जूनियर डॉक्टरों ने भी हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। इससे गंभीर समस्या उत्पन्न होगी।
मामले पर 26 अगस्त को होगी अगली सुनवाई
कोर्ट ने 27 अगस्त से हड़ताल पर जाने को लेकर डॉक्टर एसोसिएशन को नोटिस जारी कर पेश होने को कहा है। इस मामले पर अगली सुनवाई आगामी 26 अगस्त को की जाएगी।