भागलपुर। बिहार प्रदेश मत्स्यजीवी जल श्रमिक संघ ने सोमवार को समाहरणालय परिसर में एक दिवसीय धरना दिया। संघ ने वन विभाग पर मछुआरों के प्रति उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की।
संघ के सदस्यों का कहना है कि 14 दिसंबर को गंगा में मछली पकड़ने के लिए डाले गए जाल को वन विभाग ने बिना किसी सूचना के जब्त कर लिया। इस दौरान लगभग 1 क्विंटल से अधिक मछली भी जब्त कर ली गई। मछुआरों और महिलाओं ने आरोप लगाया कि वन विभाग की टीम ने मौके पर मौजूद लोगों के साथ मारपीट भी की।
बिहार प्रदेश मत्स्यजीवी संघ के अध्यक्ष योगेंद्र साहनी ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि वन विभाग द्वारा जब्त किए गए जाल और मछलियों को तुरंत वापस किया जाए। साथ ही वन विभाग के कर्मचारी मछुआरों के बीच आकर माफी मांगें।
अध्यक्ष साहनी ने कहा कि अगर हमारी मांगें जल्द पूरी नहीं होती हैं तो संघ चरणबद्ध आंदोलन के लिए मजबूर होगा। उन्होंने कहा कि मछुआरों के जीवन यापन का मुख्य साधन मछली पकड़ना है, और इस प्रकार की कार्रवाई से उनकी आजीविका पर संकटन खड़ा हो गया है।
धरने में बड़ी संख्या में मछुआरों, महिलाओं और संघ के सदस्यों ने भाग लिया। उन्होंने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई और वन विभाग की इस कार्रवाई को तानाशाही करार दिया।
प्रशासन की ओर से इस मुद्दे पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है, लेकिन संघ के सदस्य अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं।