सीएचसी में जच्चा-बच्चा के शव को रख परिजनों ने जमकर काटा बवाल, अस्तपाल में भी किया तोड़फोड़
भागलपुर/ निभाष मोदी
भागलपुर,नवगछिया के बिहपुर थाना क्षेत्र के दक्षिण पंचायत के सोनवर्षा वार्ड नंबर एक निवासी चितरंजन पोद्दार की 32 वर्षीय पत्नी शकुंतला देवी और नवजात बच्ची का शव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिहपुर में रखकर परिजनों ने जमकर बवाल काटा। करीब दो घंटे तक अस्तपाल परिसर रणक्षेत्र में बन गया था। करीब चार दर्जन ग्रामीण जच्चा-बच्चा के शव को लेकर अस्पताल पहुंचे और हंगामा व तोड़फोड़ शुरू कर दिया. परिजनों ने अस्तपाल के गार्ड मंटू चौधरी को पीट दिया। अस्पताल के डॉक्टर,नर्स व कर्मचारी इधर -उधर भाग कर अपनी जान बचाई. उपद्रवियों ने कोरोना जांच काउंटर, कुर्सी, बोर्ड, पर्दा व प्रसव कक्ष को नुकसान पहुंचाया. मृतक महिला के परिजनों के अनुसार गर्भवती शकुंतला देवी को प्रसव के लिये शनिवार की शाम बिहपुर सीएचसी में भर्ती कराया गया था. जहां महिला ने स्वस्थ्य बच्ची को जन्म दिया.
महिला को अत्यधिक ब्लीडिंग होने के कारण मायागंज भागलपुर रेफर कर दिया. जहां जच्चा व बच्चा दोनों की मौत इलाज के दौरान हो गया. उसके बाद सोमवार को परिजन जच्चा-बच्चा के शव को ले बिहपुर सीएचसी पहुंच कर बवाल काटने लगे. परिजन डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगा रहे थे.परिजन कह रहे थे। डॉक्टर ने जल्द रेफर नही किया. नर्स की गलती से ब्लीडिंग शुरू हुआ था. शनिवार की रात ड्यूटी पर डॉक्टर कैसर तैनात थे. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जीएनएम आरती व सोनम के द्वारा महिला का प्रसव कराया गया था.इधर हंगामे व तोड़फोड़ की सूचना पर बिहपुर थानाध्यक्ष राजकुमार सिंह, दरोगा रामप्रवेश राम, पीएसआई उमाशंकर, आशुतोष कुमार एवं बिहपुर अंचल के आरओ आमिर हुसैन पहुंचे और किसी तरह समझा बुझाकर कर माहौल को शांत किया.जिप सदस्य मोइन राइन, मुखिया प्रतिनिधि अजय कुंवर उर्फ लाली कुंवर, बिहपुर -जमालपुर के मुखिया प्रतिनिधि महंत नवल किशोर दास, बैजु राजा, गौतम कुमार प्रीतम आदि ने भी परिजनों को शांत कराने में अहम भूमिका निभाया.
वहीं आरओ आमिर हुसैन ने कहा की इस दुखद घटना की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.पीड़ित परिवार को सरकार के द्वारा दी जाने वाली योजनाओं का लाभ दिया जाएगा और सीएचसी में महिला डॉक्टरों की मांग की जाएगी.
महिला शकुंतला की मौत के बाद परिजन रो-रो कर बेहाल
सोनवर्षा की महिला शकुंतला देवी की प्रसव के बाद इलाज के दौरान मायागंज में मौत होने के बाद परिजन रो-रो कर बेहाल हो गये.महिला के तीनों बच्चे माधव कुमार (10 वर्ष) साक्षी कुमारी (8 वर्ष) और मीनाक्षी कुमारी (6वर्ष) के सिर से मां का साया उठ गया। अब ये बच्चे बिना मां के कैसे जीवन बितायेंगे.तीनों बच्चे बार-बार मां को उठाने का प्रयास कर रहे थे.जच्चा-बच्चा के शव को देख हर किसी की आंखें नम हो गई.