बिहपुर – बुधवार को सिविल सर्जन उमेश शर्मा बिहपुर सीएचसी पहुंच कर सोमवार को अस्पताल में जच्चा -बच्चा के शव को रख मारपीट व तोड़फोड़ मामले की बारीकी से पड़ताल किया।उन्होंने घटना से जुड़ी सभी जानकारी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर मुरारी पोद्दार एवं सोमवार को अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों व कर्मियों से भी लिया और सीसीटीवी की भी बारीकी से पड़ताल किया.उसके बाद सिविल सर्जन श्री शर्मा ने कहा की अस्पताल में मारपीट व तोड़फोड़ की घटना में शामिल दोषियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।इस मामले को लेकर बिहपुर थाने केस दर्ज कराया जाएगा.
बिहपुर सीएचसी में ब्लड बैंक नही होने की बात पर बताया की सुल्तानगंज ,नाथनगर व सदर अस्पताल आदि में ब्लड बैंक की मंजूरी मिल चुकी है.सदर अस्पताल में ब्लड दिया भी जा रहा है। चूंकि बिहपुर में बड़ी आबादी पर एक अस्तपाल है।यहां भी ब्लड बैंक को लिखा जाएगा.सरकार से मंजूरी मिलने पर यहां भी ब्लड बैंक की सुविधा दी जाएगी.महिला डॉक्टर के नही होने के बाबत उन्होंने बताया बिहपुर सीएचसी में एक महिला डॉक्टर निधि सिंह है।जो तीन दिन सीएचसी और तीन दिन मड़वा एपीएचसी में कार्य करती है।
वहीं महिला डॉक्टर के स्थायी निदान पर उन्होंने बताया की चूंकि अस्तपाल 24×7 घंटे चलता है, तो यहां तीन महिला डॉक्टरों की जरूरत है।महिला डॉक्टरों की कमी है.जिस कारण एक महिला डॉक्टर फिलहाल दिया गया है. ज्ञात हो की सोमवार को बिहपुर दक्षिण पंचायत के वार्ड नंबर एक निवासी चितरंजन पोद्दार की 32वर्षीय पत्नी शकुंतला देवी और नवजात बच्ची की मौत इलाज के दौरान मायागंज अस्तपाल भागलपुर में बीते शनिवार को हो गया था। परिजनों ने जच्चा -बच्चा के शव को सोमवार को बिहपुर अस्तपाल में रखकर जमकर बवाल काटा था।इस दौरान गार्ड व कर्मियों के साथ मारपीट व अस्पताल में तोड़फोड़ भी किया था.अस्पताल के डॉक्टर ,नर्स व कर्मियों ने इधर -उधर भाग कर अपनी जान बचाई थी.