नवगछिया : बढ़ती मंहगाई और कोरोना की मार झेल रहे किसानों के छेहरे पर गेहूं की फसल देख खुशहाली लौट आई है. इस साल किसानों को मौसम की सहायता मिलने के कारण गेहूँ के पौधे स्वस्थ दिखाई दे रहे हैं जिसके कारण अधिक पैदावार की कल्याण की जा रही हैं. गंगा एवं कोसी के किनारे हजारों एकर की फैली दियारा क्षेत्र में गेहूं की खेती की गई है.
इस साल गेहूं की बुआई समय पर हो पाई एवं ज्यादातर किसानों के द्वारा गेहूं के बीज को छिट्टा बुआई तकनीक की सहायता ली गई. छिट्टा बुआई में किसानों को कम लागण आती हैं. किसान संजय कुमार बताते हैं कि एक एकर में महज आठ से दस हजार रुपये प्रति एकर पर साठ से सत्तर मन प्रति एकर की फसल हो जाती है. इस विधि में रसायनिक ऊरवरकों एवं जुताई के पैसो की बचत हो जाती है सात ही साथ गेहूँ के पौधों में बिमारियों का खतरा कम रहता है.