बिहपुर – रविवार को सामाजिक न्याय के मुद्दे के साथ स्थानीय स्तर के मुद्दे पर चर्चा हुई.बैठक में तय हुआ कि जातिवार जनगणना कराने,नीचे से ऊपर तक न्यायपालिका व निजी क्षेत्र में एससी,एसटी व ओबीसी को आबादी के अनुपात में आरक्षण देने,ओबीसी आरक्षण को आबादी के अनुपात में करने,संविधान विरोधी सवर्ण आरक्षण को रद्द करने,महंगाई रोकने,राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को वापस लेने,शिक्षा व स्वास्थ्य सहित सभी क्षेत्रों के निजीकरण पर रोक लगाने और सभी सरकारी रिक्तियों को भरने के साथ हर हाथ को काम की गारंटी देने,जनवितरण प्रणाली को सार्वभौमिक बनाने के साथ सभी जरूरी खाद्य सामग्री की आपूर्ति करने सहित अन्य सवालों पर सम्मेलन की तैयारी में व्यापक बहुजन आबादी के साथ संवाद कायम करना है.
बैठक में तय हुआ कि सम्मेलन में भूमिहीन बहुजनों को वास व कृषि भूमि देने,सिंचाई,अस्पताल में समुचित ईलाज की गारंटी,कटाव पर रोक लगाने,राशन कार्ड में अनियमितता व जनवितरण प्रणाली में भ्रष्टाचार पर रोक लगाने, विश्वविद्यालय व स्कूल-कॉलेजों में पढ़ाई सहित अन्य स्थानीय सवालों पर भी संघर्ष तेज करने को लेकर चर्चा होगी. बैठक में नगर निकाय में अतिपिछड़ों के आरक्षण पर पटना हाईकोर्ट द्वारा रोक लगाने और पसमांदा मुसलमानों के मसलों पर भी चर्चा हुई. बैठक को संबोधित करते हुए सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार) के गौतम कुमार प्रीतम ने कहा कि आजादी के 75 साल पूरे हो गये हैं,
लेकिन आज भी मेहनतकश बहुजन आबादी हर लिहाज से हाशिए पर है.सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक न्याय का सवाल अनुत्तरित है.नरेन्द्र मोदी सरकार तो बहुजनों द्वारा हासिल अधिकारों को छीन रही है और मुट्ठी भर सवर्णों व कॉरपोरेटों के हित में काम कर रही है. मौके पर अनुपम आशीष, निर्भय कुमार,गौरव पासवान,संतोष यादव,मुरारी मंडल, चतुरी शर्मा,पृथ्वी शर्मा,निकुंज कुमार पासवान,अखिलेश सिंह,चंदन मालाकार,योगेन्द्र पासवान,मनोहर राम,पिंटू शर्मा सहित कई लोग मौजूद थे.