बिहपुर :- एक ओर जहाँ बिहार सरकार बालिकाओं के शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए सायकल ,छात्रवृती सहित कई योजनाओं को लाकर बालिकाओं के शिक्षा के प्रति शतत प्रयाशरत है वहीं दूसरी ओर बिहपुर प्रखंड का एकमात्र बिहपुर दक्षिण पंचायत स्थित कन्या अन्तरस्नातक विद्यालय के इंटर की छात्राएँ भवनाभाव में बरामदे पर अपनी पढाई करने को विवश है ।
सन 2010 में ही इस कन्या उच्च विद्यालय को प्रोन्नत कर इंटर स्कूल में बदला गया । इसके बाद भी काफी जद्दोजहद के बाद इस विद्यालय में 2017 में इस विद्यालय को कोड मिला । 2018 में महज 7 छात्राओं का नामांकण हुआ जिसमें विद्यालय ने बेहतर प्रदर्शन किया । 2020 में 40 कला और 20 विज्ञाण की छात्राओं का नामांकण हुआ जो 2022 में इंटर के बोर्ड परिक्षा में सम्मिलित होंगे ।
इन छात्राओं के लिए विद्यालय में पढाई के लिए अलग से भवन हीं नही है । विद्यालय के इंटर की छात्राओं को दसवीं कक्षा के बरामदे या फिर स्मार्ट क्लाश में बिठा कर किसी तरह पढ़ाई करवाई जाती है । एक ओर जहां विद्यालय में इंटर की पढाई प्रारंभ होने से खास कर छात्राओं में बेहद खुशी का महौल था अब अव्यवस्थाओं ने निराश कर दिया है ।
विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक बताते हैं की वर्तमान में लायब्रेरी ,प्रेक्टिकल एवं क्लाशरुम के लिए कम से कम आठ रुम की आवश्यकता है जिसके लिए पर्याप्त जमीन भी है और आरएमएस को इसके लिए पत्र भी लिखा गया पर अब तक कोई साकारात्मक पहल नही हो पाई है ।
पूर्व विधायक वर्षा रानी को भी अवगत कराया गया था पर कोई नतीजा नही निकल पाया । वहीं ग्रामिणों के द्वारा वर्तमान विधायक को भी इस समस्या से अवगत कराया गया है पर अब तक केवल सांत्वना हीं हाथ लगी है । अब देखना यह है की प्रखंड के इस एकमात्र बालिका अन्तर स्नातक विद्यालय को सहायता कब मिल पाती है ।