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भागलपुर,पति बीमार था बचने की उम्मीद नहीं थी महादेव से मन्नत मांगी की दंड देते हुए सुलतानगंज से बैधनाथ धाम जाएंगे और अब सावन में दंड देते हुए बैधनाथ धाम की यात्रा पर निकली हैं। यह कहानी बिहार शरीफ के सुधा सिन्हा की है। सुधा सिन्हा पहली बार शाष्टांग दंडवत होते हुए बैधनाथ धाम जा रहे हैं उनके साथ उनके पति भी हैं। चार जुलाई को सुधा सिन्हा ने सुलतानगंज में जल लिया था 10 किलोमीटर दूरी अभी तक उन्होने तय की है।

वह कच्ची कांवड़िया पथ पर है धीरे धीरे आगे बढ़ रही हैं। दरअसल सुधा के पति नरेश सिन्हा को हेपेटाइटिस बी हो गया था लगातार वह बीमार रह रहे थे। डॉक्टर ने उनके बचने की उम्मीद नहीं जतायी थी इसके बाद सुधा ने भोलेनाथ से मन्नत मांगी की उनके पति अगर स्वस्थ होते हैं तो वह दंड देते हुए बैधनाथ धाम जाएंगे। इसके बाद इस वर्ष सावन में सुधा सिंह यात्रा पर निकली है। सुधा के पति नरेश अपनी पत्नी को मिसाल मानते हैं नरेश कहते है की उसके बचने की उम्मीद नहीं थी.

लेकिन महादेव से उनकी पत्नी ने कामना की थी तो महादेव ने उनका सुना और कामना पूरी कर दी। आपको बता दें कि सावन के महीने में खासकर महादेव को रिझाने के लिए तीन तरह के कांवड़िया श्रद्धालु सुलतानगंज से बैधनाथ धाम जाते हैं। एक सामान्य बम होते है एक डाक बम तो एक डंडी बम होते हैं। सबसे कष्टप्रद यात्रा डंडी बम की होती है। यह डंडी बम डेढ़ से दो महीने में बैधनाथ धाम पहुँचते है।

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