प्रदीप विद्रोही
भागलपुर। बॉलीवुड के मशहूर गायक जावेद अली, जिनकी आवाज़ ने करोड़ों दिलों को छुआ है, शुक्रवार को एनटीपीसी कहलगांव परियोजना के डॉ. भीमराव अंबेडकर स्टेडियम में अपनी संगीत टोली के साथ अपनी गायन कला का प्रदर्शन करेंगे। यह कार्यक्रम एनटीपीसी लिमिटेड के स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया है और सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगा।
42 वर्षीय जावेद अली की आवाज़ भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में एक खास पहचान बना चुकी है। उनके गाने 100 से अधिक फिल्मों में सुने गए हैं और उनकी गायकी का जादू सिर्फ बॉलीवुड तक ही सीमित नहीं, बल्कि विभिन्न भारतीय भाषाओं में भी गाया गया है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 2000 में की थी, और 2008 में फिल्म जोधा अकबर के गीत जश्न-ए-बहारां से उन्हें अपार प्रसिद्धि मिली। इस गीत के लिए उन्हें आईफा पुरस्कार भी मिला।
जावेद अली ने फिल्म बेटी नंबर 1 से अपने करियर की शुरुआत की थी, लेकिन असली पहचान उन्हें चमेली, गोलमाल – फन अनलिमिटेड, जिंदगी रॉक्स, कुन फाया कुन जैसे गानों से मिली। उनकी आवाज़ में वह जादू है जो दर्शकों को उनके संगीत के साथ जोड़े रखता है।
2007 में फिल्म नकाब का गाना एक दिन तेरी यादों में और 2008 में जश्न-ए-बहारां ने उन्हें पॉपुलैरिटी की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। इसके अलावा, उन्होंने हिंदी के अलावा बंगाली, उड़िया, तमिल, और तेलुगु फिल्मों में भी गाने गाए हैं।
संगीत के प्रति उनकी सच्ची श्रद्धा उन्हें प्रसिद्ध ग़ज़ल गायक गुलाम अली से मिली प्रेरणा से मिली। जावेद अली ने अपना नाम जावेद हुसैन से बदलकर जावेद अली रखा, ताकि वे अपने गुरु को सम्मानित कर सकें। सांस्कृतिक कार्यक्रम उनके प्रशंसकों के लिए एक विशेष अवसर है, जहां वे जावेद अली की सुरीली आवाज़ के साथ एक अनमोल शाम का अनुभव करेंगे।